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दिल्ली के बुराड़ी में एक घर से मिले 10 लोगों के लटकते शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब सामने आ गई है. इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका को खारिज करते हुए कहा गया है कि इनकी मौत फांसी लगाने से ही हुई है. अभी घर के दूसरे कमरे से बरामद 77 साल की बुजुर्ग महिला के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आना बाकी है.
हालांकि , एक प्राथमिक रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी मौत ‘‘आंशिक रूप से फांसी '' के चलते हुई है. अधिकारी ने बताया कि परिवार के 10 लोगों की आयी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी मौत फांसी लगने के कारण हुई है और शवों पर कुछ खरोंच के अलावा चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं.
पुलिस अधिकारी ने बताया , ‘‘ रिपोर्ट से पता चलता है कि उनकी मौत फांसी पर लटकने से हुई है. हमें बुजुर्ग महिला के पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है.'' 1 जुलाई को परिवार के 10 सदस्यों का शव छत से लगी लोहे की जाली से लटकते पाए गए थे. बुजुर्ग महिला नारायण देवी का शव दूसरे कमरे में जमीन पर पड़ा पाया गया था. मरने वालों में नारायण देवी की बेटी प्रतिभा (57) और उसके दो बेटे भावेश (50) और ललित (45) शामिल थे.
भावेश की पत्नी सविता (48) और उनके तीन बच्चे नीतू (25), मेनका (23) और धीरेंद्र (15) भी मृत पाये गये थे. इसके अलावा ललित की पत्नी टीना (42) उसका बेटा दुष्यंत (15) और प्रतिभा की बेटी प्रियंका भी शामिल थे। प्रियंका की पिछले महीने सगाई हुई थी. पुलिस को 11 डायरियां भी मिली थी.
जांच में जुटी टीम अबतक इस बात पर सहमत है कि मनोवैज्ञानिक बीमारी से ये परिवार जूझ रहा था. परिवार ने धार्मिक अनुष्ठान के जरिए सामूहिक आत्महत्या को अंजाम दिया. इस परिवार के वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि परिजनों ने अपने घर के करीब के दुकान से पांच स्टूल और बैंडेज खरीदे और जिसका प्रयोग धार्मिक क्रियाकलापों में किया गया. यही समान घटनास्थल से भी प्राप्त हुए, जहां ये 11 शव बरामद हुए थे. ललित भाटिया और उसकी भतीजी प्रियंका ने रजिस्टर में कुछ नोट लिखे हैं जिसमें धार्मिक अनुष्ठानों के बारे में बताया गया, इसे सुसाइड नोट की तरह लिया गया.
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