advertisement
कैबिनेट ने बुधवार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से आने वाले हिंदू शरणार्थियों के विकास के लिए 2000 करोड़ रुपए की सहायता देने का ऐलान किया है.
सहायता देने का फैसला अगस्त में किया गया था. पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग में इस फैसले को बुधवार को मंजूरी मिल गई.
जम्मू-कश्मीर सरकार ने 36, 348 ऐसे परिवारों का चयन किया है जिनको सहायता दी जानी है. हर एक परिवार को 5.5 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी.
अधिकतर शरणार्थी पश्चिम पाकिस्तान और पीओके के रहने वाले हैं जो कि जम्मू, कथूआ और राजौरी के अलग-अलग इलाकों में रह रहे हैं. जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुसार उन लोगों को अपना घर नहीं दिया सकता है.
यह शरणार्थी लोकसभा के चुनावों में तो भाग ले सकते हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर असेंबली के चुनावों में भाग नहीं ले सकते है.
इनमें कुछ परिवार ऐसे हैं जो 1947 में बंटवारे के दौरान भारत में आकर बस गए थे और कुछ परिवार पाकिस्तान के साथ 1965 व 1971 के युद्ध के दौरान यहां आकर बस गए थे.
वैसे इस पैकेज को अंतिम निपटारे के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि शरणार्थियों को व्यवस्थित करने के लिए कुल 9,200 करोड़ रुपए आवश्यकता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)