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केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को और मजबूत बनाने के लिए दो कानूनों में संशोधन की मंजूरी दे दी है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है. इन सूत्रों के मुताबिक, नरेंद्र मोदी सरकार NIA कानून और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून (UAPA) को संशोधित करने के लिए संसद में अलग-अलग बिल लेकर आएगी.
इसके अलावा UAPA की अनुसूची चार में संशोधन से NIA आतंकवाद से जुड़े संदिग्ध लोगों को ‘आतंकी’ घोषित कर सकेगी. जिससे इन घोषित आतंकियों’को प्रतिबंधित किया जा सकेगा. अभी केवल संगठनों को ही ‘आतंकी संगठन’ घोषित कर प्रतिबंधित किया जा सकता है. घोषित आतंकियों को प्रतिबंधित करने का मतलब होगा कि उन पर यात्रा से लेकर वित्तीय मदद तक की रोक लगाई जा सकेंगी.
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, NIA कानून में संशोधन के बाद एजेंसी को किसी राज्य में सर्च के लिए शीर्ष पुलिस अधिकारी की इजाजत लेने जरूरत नहीं होगी. हालांकि NIA को अभी भी उस सूरत में इस तरह की इजाजत लेने की जरूरत नहीं होती, जब कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका हो.
पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि 2017 के बाद से ही केंद्रीय गृह मंत्रालय नई चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए NIA को और मजबूत बनाने पर विचार कर रहा है. बता दें कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद 2009 में NIA की स्थापना की गई थी.
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