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वित्तीय संकट के कारण जेट एयरवेज की सभी उड़ानें गुरुवार को अस्थायी रूप से बंद हो गईं, जिस कारण कर्मचारियों के सामने बेरोजगारी का खतरा पैदा हो गया है. जेट एयरवेज के अलग-अलग डिपार्टमेंट्स के सैकड़ों कर्मचारी राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए और उन्होंने एयरलाइन को दोबारा चालू करने के लिए सरकार से कुछ करने की अपील की.
जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने वेतन के भुगतान में विलंब और कंपनी की बदहाली के लिए गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार और कर्जदाताओं को जिम्मेदार ठहराया. अपना भविष्य अंधेरे में देखते हुए कई कर्मचारियों की आंखे भर आईं.
जेट एयरवेज के कर्मचारी भोजा पुजारी पिछले 26 सालों से एयरलाइंस में सफर करने वाले यात्रियों का लगेज हैंडल करते थे. लेकिन अब भोजा के साथ-साथ जेट एयरवेज के हजारों कर्मचारियों का भविष्य अंधेरे में है, क्योंकि कर्ज में डूब चुकी एयरलाइंस कंपनी जेट एयरवेज की सभी उड़ाने बंद हो चुकी हैं.
53 साल के भोजा पुजारी दो बच्चों के पिता है. एयरलाइंस के हालातों पर उन्होंने कहा, "अगर यही हाल रहा, तो मुझे नहीं पता कि क्या करना है." पुजारी ने कहा कि दो महीने से उन्हें सेलरी नहीं मिली है, हो सकता है उन्हें आने वाले समय में अपना घर बेचने के लिए मजबूर होना पड़े.
पुजारी ने रोते हुए बताया, "मुझे लगता है कि मेरे हाथ बंधे हुए हैं और मैं रात को सो नहीं पा रहा हूं." उन्होंने कहा, "मैंने अपने बच्चों को कुछ नहीं बताया. वे बहुत छोटे हैं, लेकिन वे जानते हैं कि कुछ गलत है.”
जेट एयरवेज के सीईओ विनय दुबे ने बुधवार को कर्मचारियों से कहा कि एयरलाइंस की बिक्री में समय लगेगा. उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि आगे चुनौतियां और भी बढ़ सकती हैं, लेकिन उन्हें भरोसा है कि एयरलाइन फिर से उड़ान भरेगी.
एयरलाइंस की सभी उड़ाने बंद हो जाने की वजह से 16,000 से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी और एयरलाइन से जुड़े हजारों लोगों के रोजगार पर खतरा पैदा हो गया है. इन लोगों के समन्वय से ही जेट एयरवेज 120 विमानों और हर रोज 600 से ज्यादा उड़ानों का संचालित करती थी.
एक दर्जन से ज्यादा कर्मचारियों ने रॉयटर्स को बताया कि उन्हें दो से चार महीने की सेलरी नहीं मिली है, जिसके चलते उनपर होम लोन की ईएमआई, स्कूल और ट्यूशन फीस का कर्ज चढ़ गया है.
जेट के एक इंजीनियर ने कहा, 'चार महीने से सेलरी नहीं मिली है. बच्चों की प्राइवेट ट्यूशन बंद करा दी हैं. अब उन्हें घर पर ही पढ़ाता हूं. हमने मूवी के लिए जाना, रेस्टोरेंट जाना या किसी भी तरह का इंटरटेनमेंट बंद कर दिया है.'
उन्होंने कहा,'बिल्डिंग मेंटिनेंस फीस न भर पाने की वजह से कम्यूनिटी में मुझे डिफॉल्टर के तौर पर लिस्टेड कर दिया गया है. यह मेरे परिवार के लिए बहुत बड़ा कलंक है."
दिल्ली और मुंबई में जेट एयरवेज के हजारों कर्मचारियों ने मैनेजमेंट पर कर्मचारियों को अंधेरे में रखने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एयरलाइंस के हालात बद से बदतर होते चले गए, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई.
एयरलाइन यूनियन लीडर चैतन्य मेनकर ने शुक्रवार को मुंबई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विरोध प्रदर्शन के दौरान चिल्लाते हुए कहा, "मैनेजमेंट ने हमें कभी भी कुछ भी साफ नहीं किया. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी "सेव जेट एयरवेज, सेव अवर फैमिली" के नारे लगा रहे थे.
वित्तीय संकट में डूबने के बाद जेट एयरवेज से कई कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया है. एयरलाइन के एक सीनियर पायलट ने बताया कि करीब 400 पायलट दूसरी एयरलाइंस में चले गए हैं, जबकि जेट एयरवेज के पास अभी 1300 पायलट बचे हैं.
एक सीनियर इंजीनियर ने बताया कि करीब 40 इंजीनियर जेट एयरलाइंस छोड़कर दूसरे एयरलाइंस में जा चुके हैं.
कुछ पुराने कर्मचारी एयरलाइन के प्रति वफादार बने हुए हैं. उन्हें उम्मीद है कि जेट एयरवेज एक बार फिर उड़ान भरेगी.
पिछले 26 सालों से लगेज हैंडल करने का काम करने वाले 50 साल के अनिल साहू ने कहा, "मैं जेट एयरवेज की शुरुआत से ही इसके साथ जुड़ा हुआ हूं.' उन्होंने कहा, “इस सब के बाद भी, हमें जेट पर भरोसा है. यह एक तूफान आया है, लेकिन हमें उम्मीद है कि सब कुछ सामान्य हो जाएगा."
एयरलाइंस से जुड़े पुजारी और साहू जैसे पुराने कर्मचारियों का कहना है कि अगर जेट एयरवेज पर ताला लग जाता है, तो उन्हें काम ढूंढ़ने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. पुजारी ने कहा, 'अगर मैं पहले नौकरी छोड़ देता तो मुझे कहीं काम मिल भी सकता था, लेकिन 26 साल बाद अब मैं 50 की उम्र पार कर चुका हूं. अब कहां नौकरी ढूंढ़ने जाऊंगा?'
(इनपुटः Reuters)
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