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कनाडा और पंजाब के बीच नहीं डायरेक्ट फ्लाइट, पंजाबियों की तकलीफ बेहिसाब

Canada से दिल्ली पहुंचना आसान लेकिन Delhi से Amritsar या Jalandhar जाना मुश्किल

साक्षत चंडोक
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>कनाडा और पंजाब के बीच नहीं डायरेक्ट फ्लाइट, पंजाबियों की तकलीफ बेहिसाब</p></div>
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कनाडा और पंजाब के बीच नहीं डायरेक्ट फ्लाइट, पंजाबियों की तकलीफ बेहिसाब

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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कनाडा (Canada) में सबसे अधिक भारतीय प्रवासी रहते हैं, जिसमें 80 प्रतिशत पंजाब (Punjab) से हैं, तकरीबन 10 लाख पंजाबी कनाडा में रहते हैं, जोकि कनाडा की आबादी का 3 प्रतिशत है. फिर, भी कनाडा और पंजाब के लिए सीधी फ्लाइट नहीं है. कनाडा में भारतीय लोगों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कई बार कनाडा और पंजाब के लिए फ्लाइट शुरू करने की मांग की, लेकिन पंजाब और किसी भी कनाडाई शहरों जैसे- टोरंटो और वैंकूवर के बीच कोई सीधी उड़ान नहीं है.

कनाडा और पंजाब के बीच सीधी उड़ान दूर का सपना

ओंटारियो के रहने वाले वकील हरमिंदर ढिल्लों बताते हैं कि उनके गृह राज्य पंजाब और कनाडा के बीच यात्रा करने में काफी दिक्कत होती है. उनका कहना है मुझे टोरंटो से दिल्ली पहुंचने में 12 घंटे लगते हैं. जालंधर में अपने गृहनगर पहुंचने में मुझे आठ घंटे और लगते हैं, जो काफी थका देने वाली यात्रा होती है. कनाडा और पंजाब के बीच सीधी उड़ान दूर का सपना है.

ढिल्लों का कहना है कि

वैंकूवर और टोरंटो से दिल्ली के लिए कई फ्लाइट हैं. दिल्ली पहुंचने पर 80 प्रतिशत यात्री बस से पंजाब जाते हैं, जिसके लिए 3500 रुपए खर्च होते हैं. निजी कार और टैक्सी से जाने पर 10 हजार लगते हैं. यह यात्रा बुजुर्गों के लिए काफी कठिन होती है, जिससे कुछ लोगों ने पंजाब आना ही बंद कर दिया.

ब्रैम्पटन में रहने वाले एक भारतीय मूल के मीडिया कमेंटेटर मनन गुप्ता ने द क्विंट को बताया कि उनके माता-पिता COVID-19 महामारी के दौरान पंजाब के कपूरथला शहर में थे. वो सीधी उड़ान नहीं होने के कारण कनाडा नहीं जा सके.

मनन गुप्ता ने बताया कि उनके माता-पिता 80 साल से ऊपर के हैं. कपूरथला एक छोटा शहर है, जहां से पहले दिल्ली और फिर दिल्ली से कनाडा तक यात्रा का प्रबंध करना काफी कठिन है. अगर अमृतसर से सीधी उड़ान होती, तो बहुत आसानी होती, क्योंकि मेरे गृहनगर से एक घंटे में यहां पहुंचा जा सकता है.

इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों के लिए अन्य कई जरुरत होती है. व्हीलचेयर की आवश्यकता, भाषा की समस्या, बेहतर वॉशरूम की सुविधा, आराम करने के लिए जगह बुजुर्गों को चाहिए.

सड़क मार्ग से यात्रा करने के अलावा जो लोग कनाडा से पंजाब की यात्रा करना चाहते हैं. उनके लिए दूसरा विकल्प दिल्ली से पंजाब के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट है. हालांकि, यह उड़ान का समय अलग होने से यह आसान नहीं है.

रात को दिल्ली पहुंचती है फ्लाइट

FlyAmritsar के संयोजक समीप सिंह ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों से अमृतसर के लिए बेहतर यात्रा लिए पहल शुरू की है. वो द क्विंट को बताते हैं कि कनाडा से ज्यादातर फ्लाइट रात 8-9 बजे के आसपास दिल्ली पहुंचती हैं. जहां से पंजाब के लिए अगले दिन सुबह 6 बजे से पहले कोई कनेक्टिंग फ्लाइट नहीं है. ऐसे में लोग 10 घंटे हवाई अड्डे पर नहीं रुक सकते.

सीधी उड़ानों के अभाव में पिछले साल दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भारी भीड़ हो गई थी. जहां संसाधनों की कमी के कारण कई फ्लाइट देर से उड़ी. जिसमें दर्जनों यात्रियों की फ्लाइट छूट गई.

उनका मानना है कि भारत और कनाडा की सरकार, अगर कनाडा और पंजाब के बीच सीधी उड़ानें शुरू करती हैं तो यातायात का एक बड़ा हिस्सा डायवर्ट किया जा सकता है. जिससे दिल्ली हवाई अड्डे का बोझ भी कम हो सकता है.

दिसंबर 2022 में दिल्ली हवाई अड्डे पर भीड़.

(फोटो- ट्विटर/Nandlal Maheshwari)

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ओपन स्काई समझौते से बंधी उम्मीद भी टूटी

भारत और कनाडा ने पिछले साल नवंबर में ओपन स्काई समझौते पर हस्ताक्षर किए किए थे. यह समझौता दोनों देशों के बीच असीमित उड़ानों की अनुमति देता है. इसे दोनों देशों के बीच उड़ान बढ़ाने के लिए एक सफल कदम माना जा रहा है.

यह फैसला मई 2022 में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके कनाडाई समकक्ष उमर अलगबरा के बीच बातचीत के बाद लिया गया था. इससे पहले दोनों देशों के बीच केवल 35 साप्ताहिक उड़ानों की अनुमति थी.

इस समझौते ने कनाडा में पंजाबी डायस्पोरा के बीच उम्मीद जगाई थी, जो मानते थे कि कनाडा और पंजाब के बीच सीधी उड़ानें शुरू की जाएंगी. हालांकि इस समझौते में पंजाब का एक भी शहर शामिल नहीं था. जिन 6 शहरों को असीमित उड़ानों के लिए चुनाव गया वो थे नई दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बैंगलोर, चेन्नई और कोलकाता.

ज्योतिरादित्य सिंधिया और उमर अलघबरा.

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले साल मई में कनाडा के परिवहन मंत्री उमर अलघबरा से मुलाकात की थी.

हरमिंदर ढिल्लों का कहना है कि भारत ने यह तय किया कि किन शहरों से कनाडा जाने के लिए अनुमति देंगे. जबकि टोरंटो से दिल्ली आने वाले 80 प्रतिशत यात्री पंजाब जाते हैं. इसके बावजूद पंजाब के एक भी शहर को नहीं शामिल किया गया.

हैदराबाद को शामिल किया जाना आश्चर्यजनक

उनका कहना है कि ओपन स्काई समझौते में हैदराबाद को शामिल करना अजीब लगा. कनाडा में तेलुगु भाषी लोगों की संख्या कम है, इसलिए कनाडा और हैदराबाद के बीच उड़ान का कोई औचित्य ही नहीं है. हैदराबाद को सूची से बाहर रखा जा सकता है और अमृतसर या चंडीगढ़ जैसे शहर को जोड़ा जा सकता है. जिससे लोगों के लिए यात्रा आसान होती.

कनाडा सरकार ने पंजाबी प्रवासियों की आलोचना के बाद भारत पर इसका फैसला छोड़ दिया. परिवहन मंत्री अलघबरा ने पिछले साल दिसंबर में ट्वीट किया था कि भारत सरकार से अनुमति मिलने के बाद वे पंजाब के लिए सीधी उड़ानें शुरू करने को तैयार हैं.

वैशाखी के अवसर पर वैंकुवर में प्रवासी भारतीयों के साथ कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो.

(फोटो- ट्विटर/Justin Trudeau)

वैशाखी के अवसर पर वैंकुवर में प्रवासी भारतीयों के साथ कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो।इसको लेकर पंजाबी अपने सांसदों से इस मामले को कनाडा की संसद में उठाने की मांग कर रहे हैं.

FlyAmritsar चलाने वाले समीप सिंह संसद में इस मुद्दे को उठाने के लिए सांसद ब्रैड विस से मिले थे, जिसमें सीधी उड़ानों की मांग की गई थी. उनका कहना है कि जनवरी 2022 में याचिका दायर करने के 30 दिनों के भीतर हमें 14 हजार ऑनलाइन हस्ताक्षर और 4 हजार मैन्युअल हस्ताक्षर मिले.

इसके अलावा विस ने सांसद टिम उप्पल, जसराज सिंह हालन और मार्क स्ट्राल के साथ पिछले साल एयर कनाडा को एक पत्र भी लिखा था. जिसमें उनसे सीधी उड़ानें शुरू करने की गुजारिश की गई थी. पत्र में कहा गया कि विविध समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले कनाडाई सांसदों के रूप में हम कनाडा और अमृतसर के बीच सीधी उड़ानों की मांग करते हैं.

पंजाब के पर्यटन को हो रहा नुकसान

कनाडा-पंजाब की सीधी उड़ानें न होने का सबसे बड़ा नुकसान पंजाब के पर्यटन को हो रहा है. 2017 में अमृतसर में स्वर्ण मंदिर को यूके की वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने दुनिया के सबसे अधिक देखे जाने वाले धार्मिक स्थल के रूप बताया था. मंदिर में प्रतिदिन 1 लाख श्रद्दालु आते हैं. सप्ताह के अंत में और धार्मिक अवसरों पर 1.5 से 2 लाख के बीच श्रद्धालुओं का आना होता है. सीधी उड़ान नहीं होने से कनाडा में पंजाबी समुदाय का एक बड़ा हिस्सा पंजाब नहीं आ पाता.

मनन गुप्ता कहते हैं कि

कनाडा में बहुत सारे लोग, खासकर वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा के लिए अमृतसर के स्वर्ण मंदिर जाना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उनका कहना है कि बड़ी संख्या में कनाडाई भारत आना चाहते हैं. वे पंजाब, जम्मू-कश्मीर और अन्य पर्यटन स्थलों पर जाना चाहते हैं, लेकिन थकाऊ यात्रा के कारण वे नहीं आने का फैसला करते हैं.
उनका कहना है कि यात्रा में आसानी होने पर अधिक लोग पंजाब आएंगे. इससे बार-बार आने वाले यात्रियों की संख्या भी बढ़ेगी.

स्वर्ण मंदिर, अमृतसर

(फोटो- ट्विटर)

ढिल्लों कहते हैं कि

अगर सीधी उड़ानें शुरू की जाती हैं तो मेरे जैसे लोग कई बार आएंगे. क्योंकि इससे मुझे प्रत्येक बार डेढ़ दिन की बचत होगी. दूसरी पीढ़ी के एनआरआई भी विवाह जैसे विशेष अवसरों का जश्न मनाने के लिए आएंगे.

यात्रियों की हालत को देखते हुए मनन गुप्ता का कहना है कि मैं भारत सरकार से विनती करता हूं कि कनाडा और पंजाब के बीची सीधी उड़ान शुरू करे. यहां केवल राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है. भारत में चमत्कार करने की क्षमता है. सीधी उड़ानें शुरू करना एक साधारण काम है

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