advertisement
केंद्र सरकार पैरामिलिट्री फोर्स में एंट्री लेवल पर अधिकारियों की भर्ती के लिए UPSC से ली जाने वाली CAPF परीक्षा में बदलाव कर सकती है. परीक्षा से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक CAPF Exam का सिविल सेवा परीक्षा ( Civil Services Exam) में विलय करने पर विचार किया जा रहा है.
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से ली जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा के जरिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) सहित अन्य अखिल भारतीय सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है. अधिकारियों ने बताया कि,
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सहायक कमांडेंट) परीक्षा की योजना और पाठ्यक्रम को बदलने के लिए विचार-विमर्श जरूरी है. यह परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अंतर्गत 2003 से ली जा रही है. इन परीक्षाओं के जरिए भर्ती किए जाने वाले अधिकारी देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमा की सुरक्षा में तैनात बलों का नेतृत्व करते हैं.
अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर इन बलों के अधिकारियों को OGAS का टैग दे दिया था. अब यह विचार किया जा रहा है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय वन सेवा (IFOS) जैसी सभी सेवाओं के बीच बेहतर तालमेल के लिए इस परीक्षा को सिविल सेवा परीक्षा में मिलाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि सिफारिशों पर विचार किया जा रहा है और अंतिम फैसला अभी लिया जाना है. अधिकारियों ने बताया कि
हर साल CAPF (Assistant Commandant) परीक्षा में तीन स्तरीय मूल्यांकन होता है - लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता जांच और साक्षात्कार होता है. सीएपीएफ में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी आते हैं.
इनपुट भाषा से
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)