advertisement
केरल के बाद अब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) मद्रास में बीफ फेस्ट आयोजित किये जाने का मामला सामने आया है. छात्रों ने केंद्र सरकार के पशुबाजार में कत्ल के लिए जानवरों की खरीद-बिक्री के विरोध में ये फेस्टिवल आयोजित किया.
छात्रों का कहना है कि ये एक तरह से इनडायरेक्ट बीफ बैन है. 50 से ज्यादा छात्रों ने रविवार की रात को इस फेस्टिवल में हिस्सा लिया.
इससे पहले 27 मई को स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ (एसएफआई) ने केरल में त्रिवेंद्रम के यूनिवर्सिटी कॉलेज के बाहर बीफ खाकर विरोध प्रदर्शन किया था. केरल में इसी तरह की घटनाएं कई जगहों पर हुईं.
पर्यावरण मंत्री हर्ष वर्धन ने शुक्रवार को एक आदेश पारित किया था जिसमें प्रीवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स (रेगुलेशन ऑफ लाइवस्टॉक मार्केट्स) नियम को अधिसूचित किया गया था, इसके तहत पुशबाजार में जानवरों को मारने के उद्देश्य से नहीं खरीदा जाएगा.
उन्होंने कहा कि जानवर खरीदने और बेचने वालों को ये सुनिश्चत करना होगा कि इन्हें हत्या के मकसद से न लिया जाए. इसके लिए विक्रेता और खरीदार दोनों को ही एनिमल माक्रेट कमेटी के सदस्य स्रेकेटरी को अंडरटेकिंग देनी होगी. नोटिफिकेशन के मुताबिक इन जानवरों में बैल, सांड, गाय, भैंस, बछड़े, और ऊंट शामिल है.
(स्रोत: ANI)
यह भी पढ़ें: गोहत्या केस में यूथ कांग्रेस सदस्य सस्पेंड, राहुल ने की थी निंदा
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)