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सीबीआई ने एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय, उनकी पत्नी राधिका रॉय के खिलाफ फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट के नियमों के कथित उल्लंघन मामले में केस दर्ज किया है.
जांच एजेंसी ने एनडीटीवी के पूर्व सीईओ विक्रम चंद्रा के खिलाफ भी कथित तौर पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत केस दर्ज किया है.
अधिकारियों के मुताबिक, आरोप है कि कंपनी ने टैक्स हेवन देशों में 32 सहायक कंपनियों को स्थापित किया, जिससे गलत तरीके से विदेशी फंड को भारत लाया जा सके.
सीबीआई की ओर से भ्रष्टाचार के नए केस पर एनडीटीवी ने बयान जारी किया है. एनटीवी ने बयान में कहा है, ‘एक के बाद एक कई मामलों के बावजूद, जिसमें जांच जान-बूझकर अटकाई गई, एजेंसियों को NDTV द्वारा किसी भ्रष्टाचार के कोई सबूत नहीं मिले हैं. NDTV के संस्थापकों, राधिका रॉय और प्रणय रॉय ने और साथ ही कंपनी ने अपने खिलाफ दर्ज सभी मामलों में पूरा सहयोग किया. आजाद प्रेस के निरंतर उत्पीड़न के सिलसिले के तौर पर, अब NDTV के गैर-समाचार कारोबार में NBCU द्वारा 150 मिलियन डॉलर के निवेश का एक नया CBI केस दर्ज किया गया है. NBCU एक विशाल अमेरिकी समूह है, जिसकी कमान तब जनरल इलेक्ट्रिक के हाथ में थी. इस केस में यह हास्यास्पद आरोप लगाया गया है कि अमेरिका और भारत में सभी प्रासंगिक अधिकारियों के लिए घोषित लेनदेन के जरिये अज्ञात सरकारी लोगों के लिए मनी लॉन्डरिंग की गई.’
बयान में आगे कहा गया है, ‘इस अहम समय में, NDTV और उसके संस्थापकों की भारतीय न्यायपालिका में पूरी आस्था है और वे कंपनी की पत्रकारिता की ईमानदारी को लेकर प्रतिबद्ध हैं. बदनीयत और फर्जी आरोपों के जरिये आजाद और निष्पक्ष खबरों को रोकने की कोशिश कामयाब नहीं होगी. यह एक कंपनी या व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि प्रेस की आजादी को बनाए रखने की कहीं ज्यादा व्यापक लड़ाई है - जिसके लिए भारत हमेशा से जाना जाता रहा है.’
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