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सीबीआई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ शुक्रवार को देशभर में 150 स्थानों पर छापेमारी की. अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान केंद्र सरकार के विभागों, केंद्र शासित प्रदेशों और सार्वजनिक उपक्रमों की सतर्कता टीमें भी साथ थीं.
सूत्रों ने कहा कि इन छापों का मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन को सुगम बनाने के संदेश को आगे ले जाना था.
अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई दिल्ली, जयपुर, जोधपुर, गुवाहाटी, श्रीनगर, शिलांग, चंडीगढ़, शिमला, चेन्नई, मदुरै, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, गांधीनगर, गोवा, भोपाल, जबलपुर, नागपुर, पटना, रांची, गाजियाबाद, लखनऊ और देहरादून में की गई.
सीबीआई अधिकारियों ने इस पर कि क्या यह यह पांच अगस्त के बाद से क्या श्रीनगर में ऐसी पहली कार्रवाई थी, कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को रद्द कर दिया था.
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि विशेष अभियान मुख्य रूप से भ्रष्टाचार के उन बिंदुओं को ध्यान में रखकर चलाया गया, जिनकी वजह से सरकारी तंत्र में आम आदमी और छोटे कारोबारियों को सबसे ज्यादा चोट पहुंचती है.
अधिकारियों ने कहा कि यह अभियान भ्रष्टाचार के संभावित तरीकों और आम आदमी के सामने ऐसे विभागों की सेवाएं लेते समय आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरुकता लाएगा.
इस अभियान में केवल केंद्र सरकार के विभाग और केंद्र के सार्वजनिक उपक्रम और सार्वजनिक बैंकों के अलावा केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया क्योंकि एजेंसी राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र से संबंधित विभागों में ऐसा नहीं कर सकती, जब तक कि संबंधित सरकार द्वारा अधिसूचना न जारी की जाए या हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का आदेश न हो.
सीबीआई ने जिन विभागों पर अचानक छापे मारे, उनमें रेलवे, कोयला खदानें, कोयला क्षेत्रों, चिकित्सीय और स्वास्थ्य संगठन, सीमा-शुल्क और एफसीआई शामिल थे.
अन्य विभागों में ऊर्जा, नगर निगम, ईएसआईसी, परिवहन, सीपीडब्ल्यूडी, संपदा निदेशालय, अग्निशमन सेवाएं,उपरजिस्ट्रार कार्यालय, जीएसटी, बंदरगाह, राष्ट्रीय राजमार्ग, डीएवीपी, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां, डीजीएफटी, सार्वजनिक बैंक, एएसआई, जहाजरानी निगम, बीएसएनएल, इस्पात सार्वजनिक उपक्रम, खान और खनिज विभाग शामिल थे.
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