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सीबीआई ने 5.62 लाख भारतीय फेसबुक उपयोगकर्ताओं के निजी डेटा के कथित 'अवैध हार्वेस्टिंग' के एक मामले में ब्रिटेन की कैंब्रिज एनालिटिका और ग्लोबल साइंस रिसर्च लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "एजेंसी ने 19 जनवरी को आईटी एक्ट के तहत अलेक्जेंडर निक्स के प्रतिनिधित्व वाले कैंब्रिज एनालिटिका और एलेक्जेंडर कोगन के प्रतिनिधित्व वाले ग्लोबल साइंस रिसर्च लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
केंद्र सरकार की सिफारिश पर जुलाई 2018 में सीबीआई द्वारा प्रारंभिक जांच शुरू किए जाने के बाद मामला दर्ज किया गया था. केंद्रीय कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा को बताया था कि जांच सीबीआई को सौंप दी जाएगी, जिसके बाद सीबीआई ने प्राथमिक जांच दर्ज करवाई है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कथित उल्लंघन के लिए फेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका से विवरण मांगा था. सीबीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भारतीयों के कथित डेटा हार्वेस्टिंग के सिलसिले में सीए और फेसबुक द्वारा साझा किए गए विवरणों की जांच की थी.
फेसबुक ने बताया कि संभावित रूप से 5.62 लाख भारतीय उपयोगकर्ताओं के डेटा को अवैध रूप से हार्वेस्ट किया गया होगा. जबकि सीए लिमिटेड ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को जवाब नहीं दिया है. प्राथमिकी से पता चला है कि कोगन ने एक एप्लिकेशन बनाया है, जिसका नाम 'थिसिसयोरडिजिटललाइफ' है.
सीबीआई ने आरोप लगाया, "फेसबुक के लिए प्लेटफॉर्म नीति के अनुसार, एप्लिकेशन को शैक्षणिक और अनुसंधान उद्देश्यों के लिए उपयोगकर्ताओं के कुछ विशिष्ट डेटा एकत्र करने के लिए अधिकृत किया गया था. एप्लिकेशन ने हालांकि उपयोगकर्ता के अतिरिक्त अनधिकृत डेटा के साथ-साथ फेसबुक पर यूजर के दोस्तों के भी डेटा को एकत्र किया." जांच से खुलासा हुआ है कि डेटा को उपयोगकर्ताओं की जानकारी और सहमति के बिना एकत्र किया गया था.
सीबीआई ने कहा कि जांच के दौरान जांच अधिकारी द्वारा 335 एप्लिकेशन उपयोगकर्ताओं से संपर्क किया गया, जिनमें से छह ने जवाब दिया.
सीबीआई ने कहा, "उन्होंने सर्वसम्मति से कहा कि एप्लिेकशन से गुमराह किया गया और इस तथ्य से अनजान थे कि उनके दोस्तों के डेटा को हार्वेस्ट किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह ऐसा जानते तो वह एप को इंस्टॉल नहीं करते."
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