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पी चिदंबरम के बेटे को फिर CBI का नोटिस, जानिए क्या है मामला ?

सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने पूछताछ के लिए अब उनसे 21 जुलाई को मौजूद रहने को कहा है.

द क्विंट
भारत
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सीबीआई ने उन्हें 21 जुलाई को पूछताछ के लिए तलब किया है.
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सीबीआई ने उन्हें 21 जुलाई को पूछताछ के लिए तलब किया है.
(फोटो: TheQuint)

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सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को भ्रष्टाचार के मामले में दूसरी बार नोटिस भेजा है. सीबीआई ने उन्हें 21 जुलाई को पूछताछ के लिए तलब किया है.

सीबीआई में मौजूद सूत्रों ने बताया कि उन्हें इससे पहले जून में भी तलब किया गया था लेकिन उन्होंने जांच एजेंसी के सामने आने के लिए और वक्त मांगा था. सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने पूछताछ के लिए अब उनसे 21 जुलाई को मौजूद रहने को कहा है.

क्या है मामला ?

विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (FIPB) मंजूरी से जुड़े एक केस में कार्ति चिदंबरम से पूछताछ होनी है. इस केस में कार्ति चिदंबरम पर आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी, भ्रष्ट या अवैध तरीके से फायदा उठाने, सरकारी अधिकारी को प्रभावित करने तथा आपराधिक आचरण का आरोप लगाया गया है.

सीबीआई का दावा है कि कार्ति को एक कंपनी के जरिये आईएनएक्स मीडिया से पैसा मिला, इस कंपनी पर परोक्ष रूप से कार्ति का ही नियंत्रण था.

पैसे के लेन-देन के दौरान उनके पिता वित्त मंत्री थे और तब मॉरीशस से रुपये हासिल करने के लिए मीडिया समूह आईएनएक्स मीडिया को ये मंजूरी दी गई थी.

दावा किया गया है कि आईएनएक्स मीडिया को 300 करोड़ का फायदा पहुंचाने के बदले करोड़ों रुपये की रिश्वत हासिल की गई है.

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पी चिदंबरम ने जारी किया था बयान

इस मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मई के महीने में कड़ा बयान जारी किया था. उन्होंने कहा था कि उनके परिवार के किसी सदस्य पर फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) के फैसलों को प्रभावित करने का आरोप लगाना बिलकुल गैरवाजिब है.

चिदंबरम ने कहा कि फैसले को प्रभावित करने का ये मामला केंद्र सरकार के 6 सचिवों पर घृणित आरोप हैं. उन्होंने बयान में कहा था:

मेरे साथ काम करने वाला हर शख्स जानता है कि कोई भी मेरे फैसले को प्रभावित करने की हिम्मत नहीं कर सकता. मैंने अपने परिवार के सदस्यों को मंत्रालय से संबंधित किसी भी मामले या किसी भी ऑफिसर से बात करने की अनुमति नहीं दी थी.

पूर्व वित्तमंत्री ने कहा था कि जहां तक एफआईपीबी के मामलों का सवाल है, उन्होंने सिर्फ एफआईपीबी की सिफारिशों वाले उन मामलों को मंजूरी दी, जो उनके समक्ष आर्थिक मामलों के सचिव ने रखे थे.

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Published: 19 Jul 2017,09:14 PM IST

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