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सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को CBI डायरेक्टर आलोक कुमार वर्मा की याचिका पर सुनवाई हो रही है. आलोक वर्मा ने भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर उन्हें CBI डायरेक्टर के अधिकारों से वंचित कर छुट्टी पर भेजने के सरकार के फैसले को चुनौती दी है.
सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ वर्मा के सीलबंद लिफाफे में दिये गये जवाब पर विचार कर सकती है. केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने वर्मा के खिलाफ प्रारंभिक जांच करके अपनी रिपोर्ट दी थी और वर्मा का इसी पर जवाब दिया गया है.
पीठ को आलोक वर्मा द्वारा सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गये जवाब पर 20 नवंबर को विचार करना था. लेकिन उनके खिलाफ सीवीसी के निष्कर्ष कथित रूप से मीडिया में लीक होने पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए सुनवाई स्थगित कर दी थी.
सुप्रीम कोर्ट की ये पीठ जांच एजेंसी के कार्यवाहक निदेशक एम नागेश्वर राव की रिपोर्ट पर भी विचार कर सकती है. नागेश्वर राव ने 23 से 26 अक्टूबर के दौरान उनके लिये गये फैसलों के बारे में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल की है.
इसके अलावा, जांच एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ शीर्ष अदालत की निगरानी में स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली जनहित याचिका पर भी पीठ सुनवाई कर सकती है. गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज ने यह याचिका दाखिल की है.
कोर्ट ने 20 नवंबर को हुई आखिरी सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया था कि वह किसी भी पक्षकार को नहीं सुनेगा और यह उसके उठाये गये मुद्दों तक ही सीमित रहेगा. सीवीसी के निष्कर्षों पर आलोक वर्मा का गोपनीय जवाब कथित रूप से लीक होने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी.
कोर्ट ने कहा था कि वह जांच एजेंसी की गरिमा बनाये रखने के लिये एजेंसी के निदेशक के जवाब को गोपनीय रखना चाहता था.
उपमहानिरीक्षक सिन्हा ने 19 नवंबर को अपने आवेदन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केन्द्रीय मंत्री हरिभाई पी चौधरी, सीवीसी के वी चौधरी पर भी सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच में हस्तक्षेप करने के प्रयास करने के आरोप लगाये थे.
सीबीआई मामले में हर दिन नया मोड़ आ रहा है. सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर ए के शर्मा ने सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर गंभीर आरोप लगाए हैं. दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल किए गए एफिडेविट में शर्मा ने कहा है कि भ्रष्टाचार के इस मामले में अस्थाना को ही सबसे ज्यादा फायदा हुआ है.
रिपोर्ट्स केमुताबिक मीडिया में खबरें लीक होने के बाद अब आलोक वर्मा की लीगल टीम में कुछ बदलाव किए गए हैं. बताया जा रहा है कि उनके जूनियर वकील को रिप्लेस कर दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई शुरू कर दी है. आलोक वर्मा ने भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर उन्हें CBI डायरेक्टर के अधिकारों से वंचित कर छुट्टी पर भेजने के सरकार के फैसले को चुनौती दी है.
सीबीआई मामले में वर्मा की याचिका के अलावा एनजीओ कॉमन कॉज की याचिका पर भी सुनवाई होनी है. कॉमन कॉज ने सीबीआई अफसरों के खिलाफ एसआईटी जांच की मांग की थी.
सीबीआई मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अगर कोई सीबीआई चीफ रंगे हाथ घूस लेते पकड़ा जाए तो क्या प्रोटोकॉल है. कोर्ट ने सवाल किया कि क्या ऐसा सीबीआई चीफ अगर एक मिनट के लिए भी अपने पद पर रहता तो क्या उसे यहां रहने दिया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई मामले पर सुनवाई टल गई है. इस मामले में अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी.
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