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CBSE 12th result 2023: CBSE ने 12वीं बोर्ड का रिजल्ट जारी किया, ऐसे करें चेक

CBSE के विद्यार्थी डिजीलॉकर और उमंग ऐप के अलावा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट से रिजल्ट डाउनलोड कर सकते हैं.

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CBSE 12th result 2023: CBSE ने 12वीं बोर्ड का रिजल्ट जारी किया, ऐसे करें चेक

(प्रतीकात्मक तस्वीर:PTI)

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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) क्लास 12 के 2023 का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है. CBSE ने हाल ही में कहा था कि कक्षा 10 और 12 के बोर्ड परीक्षा परिणाम का ऐलान जल्द ही किया जाएगा. इस साल सीबीएसई 12वीं बोर्ड एग्जाम में 87.33 प्रतिशत स्टूडेंट पास हुए हैं, जो कि 2022 के मुकाबले 5.38 फीसदी कम है. विद्यार्थी डिजीलॉकर और उमंग ऐप के अलावा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट: results.cbse.nic.in या cbseresults.nic.in पर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं.

सीबीएसई ने छात्रों के डिजिलॉकर अकाउंट को एक्टिव करने के लिए 6 डिजिट का सिक्योरिटी कोड जारी करता है, जिसे स्कूल अपने एलओसी क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके digilocker.gov.in  से डाउनलोड कर सकते हैं. इसके अलावा विद्यार्थियों को अपने सिक्योरिटी पिन का उपयोग करके अपने अकाउंट को एक्टिव करना होगा.

इस बार सीबीएसई 12वीं बोर्ड में बीते वर्ष के मुकाबले 5 फीसदी कम पास हुए हैं. बीते वर्ष जहां 12वीं बोर्ड के लिए छात्रों का कुल पास प्रतिशत 92.71 था, वहीं इस वर्ष कुल 87.33 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं. यह बीते वर्ष के मुकाबले 5.38 प्रतिशत कम है. यानी 12वीं बोर्ड के औसत रिजल्ट में 5 फीसदी से भी अधिक की गिरावट आई है.

वहीं क्षेत्रवार रिजल्ट की बात करें तो सीबीआई के पूरे देश में 16 रीजन है, इनमें नोएडा, देहरादून और प्रयागराज रीजन अंतिम पायदान यानी 14, 15 और 16 वें स्थान पर हैं.

हालांकि पास होने वाले छात्रों की संख्या को देखा जाए तो वह पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष ज्यादा है. इस साल कुल 14 लाख 50 हजार 174 छात्रों ने 12वीं कक्षा पास की है. बीते वर्ष 13 लाख 30 हजार 662 छात्रों ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा पास की थी. दरअसल इस साल सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा में कुल 16 लाख 60 हजार 511 छात्र शामिल हुए. बीते वर्ष यह संख्या इससे लगभग 2 लाख कम थी.

बीते साल केवल 14 लाख, 35 हजार, 366 छात्र सीबीएसई बारहवीं बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए थे.

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हालांकि CBSE का कहना है कि इस साल 12वीं कक्षा में छात्रों का उत्तीर्ण प्रतिशत 87.33 है, जोकि को पूर्व कोविड-19 अवधि यानी 2019 के उत्तीर्ण प्रतिशत 83.40 प्रतिशत से बेहतर है.

केरल टॉप पर

सीबीएसई में पूरे देश के छात्रों को 16 अलग-अलग रीजन में बांटा है. इनमें 99.91 प्रतिशत के साथ जहां केरल की राजधानी त्रिवेंद्रम टॉप पर है, वही 98.64 फीसदी के साथ बेंगलुरु दूसरे नंबर पर, 97.40 प्रतिशत के साथ चेन्नई तीसरे नंबर पर और 93.24 प्रतिशत के साथ दिल्ली वेस्ट चौथे नंबर पर है.

पांचवे नंबर पर चंडीगढ़ 91.84 प्रतिशत, छठे स्थान पर दिल्ली ईस्ट 91.50 प्रतिशत, सातवें स्थान पर अजमेर 89.27 परसेंट, आठवें स्थान पर पुणे हैं, जहां की 87.28 प्रतिशत छात्र इन परीक्षाओं में पास हुए हैं. नौवें स्थान पर पंचकूला, दसवें पर पटना, 11वीं पर भुवनेश्वर, 12वें में गुवाहाटी, 13वें स्थान पर भोपाल है.

इस लिस्ट में सबसे निचले पायदान ऊपर उत्तर प्रदेश के दो रीजन और उत्तराखंड का देहरादून शामिल है. नोएडा इस सूची में 14वें नंबर पर देहरादून 15 नंबर पर और अंतिम पायदान पर प्रयागराज है.

सीबीएसई का कहना है कि

देश के इन सभी 16 रीजन के छात्र डीजी लॉकर के जरिए अपनी मार्कशीट हासिल कर सकते हैं. यह सुविधा न केवल देश भर के छात्रों बल्कि विदेशों में सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के छात्रों के लिए भी है. इन स्कूलों के छात्र डिजीलॉकर के माध्यम से अपने डिजिटल दस्तावेजों तक पहुंच सकते हैं.

स्कूल अपने पूरे स्कूल परिणाम को बोर्ड द्वारा पहले से ही सूचित उनकी आधिकारिक ईमेल आईडी पर स्वचालित रूप से प्राप्त कर रहें हैं. यह नतीजे स्कूल के डिजिलॉकर में भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. मोबाइल ऐप उमंग (एंड्रॉइड और आईओएस दोनों पर उपलब्ध). परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद मार्कशीट सह सर्टिफिकेट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट और स्किल सर्टिफिकेट (जहां भी लागू हो) अपने स्वयं के डिजिटल अकादमिक रिपॉजिटरी परिणाम मंजूषा के माध्यम से हासिल किए जा सकते हैं. छात्र उनके प्रमाणपत्रों तक पहुंचने के लिए से मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं.

बोर्ड का यह भी कहना है कि सीबीएसई में कोई विषय लेने की बाद्यता नहीं है, छात्र विषयों के किसी भी संयोजन को ले सकते हैं. छात्रों द्वारा 40,000 से अधिक विषय संयोजनों की पेशकश की गई थी. सीबीएसई ने डेट शीट इस तरह तैयार की थी कि छात्रों को चुने हुए विषयों की परीक्षाओं के बीच पर्याप्त समय मिल सके. डेट शीट में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स और बायोलॉजी की परीक्षा को जल्दी कराने की प्राथमिकता दी गई थी ताकि इन छात्रों को जेईई (मेन) और एनईईटी-यूजी की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके.

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