advertisement
एग्जाम में गलतियां सिर्फ स्टूडेंट्स ही नहीं करते, बल्कि एग्जाम के लिए पेपर बनाने वाला बोर्ड भी कभी-कभी गलती कर देता है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंड्री एजुकेशन ने दसवीं क्लास के इंग्लिश के क्वेसचन पेपर में टाइपिंग में गलती के लिए दसवीं के छात्रों को दो मार्क्स बढ़ाकर देने का फैसला किया है.
मार्च में हुए बोर्ड एग्जाम के बाद कुछ टीचर्स और स्टूडेंट्स ने सीबीएसई से शिकायत की थी कि 12 मार्च को हुए इंग्लिश के पेपर के कॉम्प्रिहेंसन पैसेज सेक्शन में कुछ गलतियां थीं. सीबीएसई के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, "टाइपिंग एरर पकड़ में आ गया और यह बोर्ड की पॉलिसी है कि छात्रों को किसी तरह का नुकसान न हो. छात्रों के हित में मार्क्स देने का फैसला लिया गया है. जिन छात्रों ने इंग्लिश का पेपर दिया था, उन सभी को दो मार्क्स बढ़ाकर दिया जाएगा"
सीबीआई ने अपनी गलती मानते हुए स्टूडेंट्स के पक्ष में यह फैसला लिया है. सीबीएसई के इस फैसले से दसवीं की परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स को काफी राहत मिलने वाली है. बता दें कि पेपर लीक मामले की वजह से भी सीबीएसई की कार्यशैली और पारदर्शिता को लेकर काफी विवाद हो चुका है.
ये भी पढ़ें - CBSE Paper Leak: इकनॉमिक्स पेपर मामले में टीचर समेत 3 गिरफ्तार
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)