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किसान-सरकार के बीच 11वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही. बैठक में शामिल किसानों के मुताबिक, सरकार का प्रस्ताव किसानों को मंजूर नहीं था और सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है. इस बैठक में कृषि मंत्री तोमर की तरफ से कहा गया कि किसान कानूनों में कोई दिक्कत नहीं है और इन कानूनों को कुछ समय के लिए स्थगित किया जा सकता है. कृषि मंत्री का कहना है कि अगर किसान सरकार के इस प्रस्ताव पर तैयार हैं तो कल दोबारा बैठक हो सकती है.
सरकार के साथ 11वें दौर की वार्ता के बाद किसान नेताओं ने कहा है कि 'सरकार ने जो प्रस्ताव दिया गया था वो हमने स्वीकार नहीं किया है. कृषि कानूनों को वापस लेने की बात सरकार ने स्वीकार नहीं की.'
बैठक में मौजूद किसान नेताओं ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए बताया है कि अगली बैठक के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा-
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों का सहयोग करने के लिए शुक्रिया अदा किया. लेकिन उन्होंने फिर से कहा है कि कृषि कानूनों में कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन किसानों के सम्मान में सरकार कानूनों को स्थगित करने का विकल्प दे रही है.
वहीं कृषि मंत्री ने कहा कि अगर किसान कानूनों को स्थगित करने के प्रस्ताव पर बात करना चाहते हैं तो एक बार और चर्चा की जा सकती है.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत सरकार की कोशिश थी कि "वो सही रास्ते पर विचार करें जिसके लिए 11 दौर की वार्ता की गई. परन्तु किसान यूनियन कानून वापसी पर अड़ी रहीं."
किसान नेताओं ने दो टूक कहा है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली तय योजना के तहत ही होगी. हमने इसको लेकर पुलिस को जानकारी दी है.
सरकार के साथ 11वें दौर की बैठक में शामिल होने से पहले पंजाब के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह ने बताया था कि वार्ता में वो केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर सभी फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग करेंगे.
26 जनवरी को होने जा रही किसानों की ट्रैक्टर रैली से ठीक पहले केंद्र सरकार ने किसानों के सामने एक प्रस्ताव रखा था. 10वें दौर की बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से कहा था कि, बीच का रास्ता अपनाया जाना चाहिए और कृषि कानूनों को फिलहाल एक या डेढ़ साल तक लागू नहीं किया जाएगा.
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Published: 22 Jan 2021,06:11 PM IST