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देश में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन शुरू होने जा रहा है. सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन Covishield की पहली खेप आज देश के कई शहरों में पहुंच गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जनवरी को बताया कि पहले चरण में करीब 3 करोड़ हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी और उसके बाद नागरिकों का नंबर आएगा. हालांकि, सरकार ने कहा है कि वैक्सीन की खुशखबरी के साथ-साथ 'कोविड-उपयुक्त व्यवहार' को भी ध्यान में रखना है.
देश की कोरोना स्थिति पर एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान स्वाथ्य मंत्रालय ने वैक्सीन मिलने के बाद भी सार्वजानिक जगहों पर मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और समय-समय पर हाथ धोने जैसे प्रोटोकॉल फॉलो करने की अपील की.
मंत्रालय ने कहा है कि दोनों वैक्सीन 28 दिन के अंतराल पर दो डोज में लगाई जाएंगी. एंटीबॉडीज दूसरी डोज के 14 दिन बाद डेवलप होती हैं.
नेशनल एक्सपर्ट कमेटी ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के चेयरपर्सन डॉ वीके पॉल ने कहा, "सभी लोगों को आगे आना चाहिए और बिना किसी हिचक के वैक्सीन लगवानी चाहिए."
11 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना वैक्सीनेशन ड्राइव पर चर्चा की थी. इस दौरान पीएम मोदी ने विस्तार से बताया था कि पहले चरण में किसे वैक्सीन दी जाएगी.
पीएम ने कहा, "देश के अलग-अलग राज्यों के फ्रंटलाइन और हेल्थ वर्कर्स की संख्या करीब 3 करोड़ होती है. ये तय किया है कि पहले चरण में इन 3 करोड़ को दी वैक्सीन दी जाएगी."
पीएम मोदी ने बताया था कि पहले चरण के वैक्सीनेशन का खर्चा राज्य सरकार नहीं, बल्कि केंद्र सरकार उठाएगी. उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में 50 साल की उम्र या उससे ज्यादा वालों को टीका लगाया जाएगा.
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