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Devi Durga के शक्तिपीठ और इनके पीछे देवी सती की कथा- देखें तस्वीरें

वैष्णों देवी का मंदिर जम्मू-कश्मीर में त्रिकुटा पर्वत पर कटरा पर स्थित है. यहां पर देवी सती की आंख गिरी थी.

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>मां दुर्गा के विभिन्न रूप</p></div>
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मां दुर्गा के विभिन्न रूप

(फोटो - जय मां वैष्णो देवी / Facebook)

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चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का समय चल रहा है. इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. और मां दुर्गा के शक्तिपीठों (Shaktipeeth) में तो भक्तों की एक अलग ही भीड़ देखने को मिलती है.

देवी पुराण के अनुसार सती के 51 शक्तिपीठ स्थापित हैं. इन शक्तिपीठों को चमत्कारी स्थान माना जाता है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक, देवी सती ने स्वयं को यज्ञ में भस्म कर लिया था. उनके पति भगवान शिव को जब पता चला तो वह क्रोध में उनके पार्थव शरीर को लेकर पूरे भूमंडल में घूमने लगे. उस वक्त देवी सती के अंग अलग-अलग जगह गिर गए थे. और वहां उनके शक्तिपीठ स्थापित हुए.

वैष्णों देवी का मंदिर जम्मू-कश्मीर में त्रिकुटा पर्वत पर कटरा पर स्थित है. माना जाता है कि यहां पर देवी सती की आंख गिरी थी.

(फोटो - जय मां वैष्णो देवी / Facebook)

मां दुर्गा का रूप और शक्तिपीठ विंध्यवासिनी का मंदिर उत्तर प्रदेश के  विंध्याचल में स्थित है. इस स्थान को देवी ने स्वयं निवास के लिए चुना था.

(फोटो - indiatales.com / Pinterest)

शक्तिपीठ ज्वाला देवी का मंदिर हिमाचल प्रदेश में स्थित है. यह जोता वाली माता के नाम से भी प्रसिद्ध है.माना जाता है कि सती की जीभ यहां गिरी थी. इसलिए यह शक्तिपीठों में से एक है.

(फोटो - Bhakti Sarovar / Pinterest)

असम के गुवाहाटी के कामगिरी में स्थित  कामाख्या मंदिर सभी शक्तिपीठों का महापीठ माना जाता है.

(फोटो - Pinterest)

उत्तर प्रदेश में स्थित प्रयाग शक्तिपीठ, ललिता देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यहां पर देवी सती की अंगुलियां गिरी थी.

(फोटो - Photo from YouTube)

कालमाधव शक्तिपीठ अमरकंटक, मध्यप्रदेश में स्थित है. यहां पर देवी सति का वाम नितम्ब गिरा था. यहां पर देवी सती को काली के रूप के रूप में स्थापित किया गया है.

(फोटो - mp Maa Ke bhakt pariwar / Facebook)

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पंच सागर शक्तिपीठ वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित है. यहां मां सती का निचला धड़ गिरा था. और यहां उन्हें वाराही नाम से पूजा जाता है.

(फोटो - @jai_jai_maa / Twitter)

माँ अंबिका शक्तिपीठ या विराट शक्तिपीठ राजस्थान के भरतपुर में स्थित है. इस जगह पर मां सती का बायां हाथ गिरा था.

(फोटो - Jolly's Soothing ERA)

मिथिला शक्तिपीठ बिहार के दरभंगा में स्थित है. जो कि भारत-नेपाल की सीमा पर है. यहां देवी सती का बायां कंधा गिरा था. इस में देवी उमादेवी और महोदर की मूर्तियां स्थापित हैं.

(फोटो - @BEHALTAVISHI / Twitter)

पंजाब का मां त्रिपुरमालिनी मंदिर तालाब के मध्य में स्थित है. यह मंदिर देवी तालाब मंदिर से प्रसिद्ध है. यहां देवी का बायां वक्ष गिरा था.

(फोटो - @MAHAKALKASEVAK / Twitter)

महामाया शक्ति पीठ  कश्मीर के अमरनाथ में स्थित है. महामाया शक्तिपीठ एक जाग्रत शक्तिपीठ है. 

(फोटो - @VijayPandey_ / twitter)

बहुला शक्तिपीठ पश्मिम बंगाल के वर्धमान जिले से 8 किमी दूर केतुग्राम में स्थित है. यहां पर देवी सती की बायीं भुजा गिरी थी.

(फोटो - Unofficial: Temples / Facebook)

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