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चंडीगढ़ में पीएम मोदी की रैली के बाहर पकौड़ा बेच रहे करीब एक दर्जन छात्रों को पुलिस ने मंगलवार को हिरासत में ले लिया. गिरफ्तार छात्र अपने डिग्री रोब को पहनकर डिग्री, इंजीनियरिंग, बीए और एलएलबी के नाम वाले और पीएम के नाम का पकौड़ा बेच रहे थे. पुलिस ने बताया कि उन्हें एहतियात के तौर पर हिरासत में लेकर रैली के खत्म होने के बाद छोड़ दिया गया. प्रधानमंत्री यहां से बीजेपी उम्मीदवार किरण खेर के समर्थन में आयोजित रैली में पहुंचे थे.
छात्रों ने विरोध दर्ज करने के लिए पकौड़ों के अलग-अलग नाम रखे थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छात्र प्रधानमंत्री के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. सेक्टर 34 थाना प्रभारी बलदेव कुमार ने बताया, ‘‘हमने एहतियातन 10 से 12 छात्रों को हिरासत में लिया. हालांकि, रैली खत्म होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.”
ट्विटर पर शेयर हो रहे इस प्रदर्शन के वीडियो में ये घटना देखी जा सकती है:
हिरासत में ले जाई जा रही एक महिला प्रदर्शनकारी ने गिरफ्तार होने से पहले मीडिया से बात की. उसने कहा, "यहां पकौड़ा योजना के तहत हमें नये रोजगार देने के लिए मोदीजी का स्वागत करने के लिए आए हैं. हम मोदी रैली में पकौड़ा बेचना चाहते हैं ताकि, वह जान सकें कि शिक्षित युवा के लिए पकौड़ा बेचना कितना महान है.’’
दरसल ये मामला पिछले साल पीएम मोदी के इस संबंध में दिए गए बयान से शुरू हुआ. पीएम मोदी ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि पकौड़ा बेचना भी रोजगार की कैटेगरी में आता है. उसके बाद से जगह -जगह पर पीएम के इस बयान का छात्रों ने पकौड़ा बेच कर अपना विरोध दर्ज कराया है.
पिछले साल फरवरी महीने में बेंगलुरु में प्रधानमंत्री की रैली के ठीक पहले कुछ छात्रों ने डिग्री रोब पहन कर पकौड़े बेचे थे. छात्रों ने विरोध दर्ज करने के लिए पकौड़ों के अलग-अलग नाम भी रखे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पकौड़े बेचने को रोजगार बताने वाली बात का, देश भर में अलग-अलग अंदाज में तब से विरोध हो रहा है.
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