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चांदनी चौक: हनुमान मंदिर तोड़े जाने पर सियासी बवाल,कांग्रेस भी कूदी

चांदनी चौक में क्या चल रहा है?

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चांदनी चौक में क्या चल रहा है?
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चांदनी चौक में क्या चल रहा है?
(फोटो: PTI)

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दिल्ली के चांदनी चौक में हनुमान मंदिर तोड़ने के मुद्दे पर सियासी घमासान जारी है. अभी तक इस मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) और बीजेपी आमने-सामने थीं. लेकिन अब कांग्रेस ने भी इस विवाद में एंट्री कर ली है. हालांकि, मंदिर दिल्ली हाई कोर्ट के एक आदेश पर तोड़ा गया है, लेकिन सियासी पार्टियां इसे लेकर एक-दूसरे पर निशाना साध रही हैं.

ये पूरा मामला क्या है, मंदिर क्यों तोड़ा गया, दिल्ली सरकार और बीजेपी क्या कह रही है और कांग्रेस क्या कर रही है, एक-एक करके समझते हैं.

चांदनी चौक में क्या चल रहा है?

दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में काफी समय से सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है. इसी प्रोजेक्ट के तहत 3 जनवरी की सुबह हनुमान मंदिर तोड़ा गया है. इसके बाद स्थानीय लोगों के अलावा हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया. इन लोगों का कहना है कि मंदिर तोड़े जाने से 'धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं."

द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, 5 जनवरी को इसी सिलसिले में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने गौरी शंकर मंदिर से लेकर शीश गंज गुरूद्वारे तक मार्च निकाला था. पुलिस ने 60 लोगों को हिरासत में भी लिया था.

हालांकि, अभी स्थिति सामान्य हो गई है लेकिन चांदनी चौक में पुलिस की मौजूदगी बढ़ गई है. मंदिर स्थल तक प्रदर्शनकारी न पहुंच सकें, इसके लिए मजबूत सुरक्षा घेरा बनाया गया है.  
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मंदिर किसके आदेश पर तोड़ा गया?

हनुमान मंदिर पर काफी समय से विवाद चल रहा था. दिल्ली हाई कोर्ट इसे 'अवैध' करार दे चुका था और इसको हटाने का आदेश 2015 में जारी हुआ था. लेकिन मंदिर को ध्वस्त करना कई बार टाला गया.

नवंबर 2019 में हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को मंदिर हटाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. मंदिर को चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट में ‘बाधा’ के तौर पर देखा गया था.  

दिल्ली सरकार की धार्मिक कमेटी के पास भी ये मामला आया था. ये कमेटी राजधानी में अनाधिकृत धार्मिक स्थलों की पहचान के लिए बनी है. इस कमेटी ने सुझाव दिया था कि मंदिर अपनी जगह पर बना रहे लेकिन हाई कोर्ट ने इस सुझाव को खारिज कर दिया था.

AAP और बीजेपी के आरोप, कांग्रेस भी कूदी

आम आदमी पार्टी और बीजेपी इस मामले में एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. AAP का कहना है कि 'बीजेपी-नियंत्रित MCD ने हाई कोर्ट में दायर एक हलफनामे में हनुमान मंदिर को अतिक्रमित जमीन पर बताया था.' वहीं, बीजेपी का दावा है कि दिल्ली सरकार ने कोर्ट में कहा था कि 'सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट में MCD और पुलिस उसका साथ नहीं दे रहे हैं.'

AAP नेता और MCD इंचार्ज दुर्गेश पाठक ने कहा, “NDMC ने मंदिर तोड़ा है और अब बीजेपी नेता AAP पर आरोप लगा रहे हैं क्योंकि वो इस जघन्य अपराध पर जनता के गुस्से से बचना चाहते हैं.” 

दूसरी तरफ, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा, "अगर अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार की अंतरात्मा की आवाज साफ होती तो वो मंदिर को टूटने से बचा सकते थे."

“जब चांदनी चौक में ये प्रोजेक्ट शुरू हुआ था, तब स्थानीय RWAs, बाजार और व्यापारी एसोसिएशन ने इसका विरोध किया था. लेकिन सरकार ने नहीं सुनी.”
आदेश गुप्ता

दोनों पार्टियों के नेता आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं और इसी बीच इस मामले में कांग्रेस भी कूद पड़ी है. दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने मंदिर तोड़े जाने का विरोध किया है. साथ ही कुछ नेताओं ने चांदनी चौक में हनुमान चालीसा का पाठ भी किया.

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