Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019 चर्चा 2020: कोरोना संकट के बीच गरीब को कैसे मजबूत बनाया जाए?

चर्चा 2020: कोरोना संकट के बीच गरीब को कैसे मजबूत बनाया जाए?

कोरोना ने दिखा दिया है कि जब एक इकनॉमी एक झटके में बंद होती है तो क्या होता है.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<a href="https://www.thenudge.org/">नज फाउंडेशन</a> 14 से 16 मई तक ‘चर्चा 2020’ नाम से सेमीनार की एक सीरीज आयोजित कर रहा है
i
नज फाउंडेशन 14 से 16 मई तक ‘चर्चा 2020’ नाम से सेमीनार की एक सीरीज आयोजित कर रहा है
(Photo: The Quint)

advertisement

नज फाउंडेशन 14 से 16 मई तक 'चर्चा 2020' नाम से सेमीनार की एक सीरीज आयोजित कर रहा है. इसमें विचारकों, रिसर्चर्स, पॉलिसीमेकर्स, कम्यूनिकेटर्स और कम्यूनिटी ली़डर्स को मंच दिया जा रहा है, जिससे दुनिया में कोरोना संकट के बाद खड़ी हुई चुनौतियों पर बात हो सके.

इस सीरीज में 15 मई को "गरीबों को कैसे सशक्त बनाया जाए?" इस मुद्दे पर चर्चा हुई. इसके अलावा भारतीय कृषि के पहलुओं पर भी बात हुई. चर्चा में बात हुई कि मजदूरों के सामने क्या चुनौतियां हैं और उनको कैसे सशक्त किया जा सकता है. डारेक्ट कैश ट्रांसफर, गरीब समर्थक और बाजार समर्थक को लेकर भी बातचीत हुई.

इस चर्चा में बरुण मित्रा, पार्थ शाह, श्रुति राजगोपालन अहम वक्ता रहे, यतीश के राजावत ने सेशन का संचालन किया.

लिबर्टी इंस्टीट्यूट के फाउंडर बरुण मित्रा ने कहा कोरोना वायरस ने गरीबी के रहस्यों को खोलकर रख दिया है. क्यों कि इस घटना ने दिखा दिया है कि जब एक इकनॉमी एक झटके में बंद होती है तो क्या होता है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इसके अलावा 14 मई को सिविल सोसायटी की भूमिका को लेकर चर्चा हुई. इस चर्चा में योजना आयोग के पूर्व सदस्य अरुण मित्रा, राजीव गांधी फाउंडेशन के CEO विजय महाजन और EdelGive फाउंडेशन की संस्थापक विद्या शाह शामिल हुईं.

इसमें चर्चा हुई कि भारत के समाजिक तंत्र को समाज, सरकार और बाजार के समीकरण को फिर से परिभाषित करना चाहिए. अरुण मित्रा ने कहा कि- सिविल सोसाइटी का उद्देश्य है कि जिन व्यक्ति के पास पावर नहीं है उसको सशक्त बनाना और शक्ति संपन्न लोगों की बराबरी पर लाना.

दुनिया के कई देश कोरोना वायरस के संकट से लड़ रहे हैं और जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है ये महामारी बढ़ी ही जा रही है. दुनिया के अलग-अलग देश अब अपने यहां के वर्किंग कल्चर को भी कोरोना काल के मुताबिक ढाल रहे हैं. 'चर्चा 2020' के जरिए हम इस कोरोना वायरस के संकट के बाद की दुनिया के तमाम पहलुओं पर विचारकों, रिसर्चर्स, पॉलिसीमेकर्स, कम्यूनिकेटर्स और कम्यूनिटी लीडर्स के साथ बात कर रहे हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT