advertisement
The/Nudge Foundation के 'चर्चा 2020' प्लेटफॉर्म पर विचारक, शोधकर्ता, प्रैक्टिशनर्स, पॉलिसीमेकर, कम्युनिकेटर, कम्युनिटी लीडर्स ने साथ आकर कोरोना वायरस के बाद की दुनिया की चुनौतियों पर अपने विचार रखे.
14 से 16 मई के बीच 'चर्चा 2020' में 9 सेशन आयोजित किए गए. साथ ही डेवलपमेंटल सेक्टर के कई टॉपिक को कवर करने के लिए 16 इवेंट भी साथ ही आयोजित हुए.
16 मई को आखिरी सेशन में Beyond 'charcha 2020': India's priorities पर चर्चा हुई. इसमें क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने Arghyam की फाउंडर और चेयरपर्सन रोहिणी निलेकणि और सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन के फाउंडर और चेयरमैन आशीष धवन से बातचीत की. चर्चा में डेवलपमेंट सेक्टर के दोबारा ट्रैक पर आने के लिए जरूरी कदमों पर बातचीत हुई.
रोहिणी निलेकणि ने कहा, "सोशल सेक्टर को ऐसे विचारों की जरूरत है, जिससे सभी इत्तेफाक रखते हों और सेक्टर को सरकार के साथ काम करने की जरूरत है."
सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन के फाउंडर और चेयरमैन आशीष धवन ने कहा कि सोशल सेक्टर इस समय बहुत कठिन समय से गुजर रहा है. धवन ने कहा, "लेकिन इसमें आगे आने वाले समय में चीजें अलग तरह से करने का मौका भी है. इससे बाहर आने के बाद हमें सरकार और सिविल सोसाइटी के बीच के रिश्ते को रिसेट करने की जरूरत है. सिविल सोसाइटी के लिए सरकार की इज्जत, लाइसेंस राज हटाना ही इस पार्टनरशिप को बनाए रखता है."
देखिए ये चर्चा:
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)