advertisement
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार सुबह-सुबह एक ट्वीट किया. उन्होंने कहा- “सुबह में हल्की सी चुभन है. अब उमस नहीं रही. प्यारी सी सुबह.” बस फिर क्या था, इस ट्वीट पर देशभर से चार्टर्ड अकाउंटेंट लगातार रिप्लाई करने लगे. इन तमाम ट्वीट में कुल मिलाकर दो मांगे थीं.
जो सीए ट्वीट कर रहे थे, उनमें पहली मांग थी कि टैक्स ऑडिट रिपोर्ट (TAR) दाखिल करने की तारीख बढ़ाइए. CAs का कहना है कि जब सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी, तो फिर टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की तारीख भी बढ़ाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा, टैक्स रिटर्न भरना पहले से जटिल हो गया है. कुछ जानकारी TAR और ITR दोनों जगह भरने की जरूरत होती है. इस वजह से भी ज्यादा समय लगता है. जीएसटी, आरओसी, वैट जैसे कई फॉर्म भरने में भी जटिलताएं हैं इस वजह से टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की डेडलाइन बढ़ाई जानी चाहिए. टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की मौजूदा तारीख 30 सितंबर है.
हाल में ही इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) को लेटर लिखा था कि इनकम टैक्स रिटर्न ऑडिट करने की डेडलाइन को 30 नवंबर तक बढ़ा दिया जाए.
ICAI ने अपने मैंबर्स को मिले फीडबैक के आधार पर बताया था कि कुछ टैक्सपेयर्स को आईटीआर भरने में कुछ टेक्निकल दिक्कतें पेश आ रही हैं. ये दिक्कतें न केवल आम टैक्सपेयर्स को पेश आ रही हैं, बल्कि टैक्स ऑडिट रिपोर्ट 44AB भरने में भी दिक्कतें आ रही हैं.
देशभर में चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने की तैयारी करने वाले छात्रों का गुस्सा जोरों पर हैं. इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के खिलाफ उनका प्रदर्शन जारी है. जब निर्मला सीतारमन प्यारी सी सुबह का अहसास शेयर किया तो इसपर भी सीए रिप्लाई करने लगे. उन्होंने वित्त मंत्री से मांग की इन छात्रों की मुश्किल दूर कीजिए. दरअसल ये छात्र उत्तर पत्रों की जांच में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं. कई छात्रों का आरोप है कि उन्होंने सवालों के सही जवाब दिए फिर भी फेल कर दिए गए. हालांकि ICAI ने कहा कि पत्रों की डिजिटल जांच कराई गई है, और गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं है. लेकिन छात्र इस मामले पर 23 सितंबर से ही प्रदर्शन कर रहे हैं.
छात्रों की मांग का कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी साथ दिया है. उन्होंने कहा कि देशभर में 12 लाख सीए छात्र ICAI के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और आन्सर शीट की दोबारा जांच के लिए लड़ रहे हैं. उनकी ये मांग उचित है. सभी राजनीतिक दलों को इनका साथ देना चाहिए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)