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छत्तीसगढ़ में एक नवंबर से होगी धान की खरीदी, 110 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने साराडीह बैराज के डूबान क्षेत्र के 12 प्रभावितों को 3 करोड़ 54 लाख 74 हजार रुपए का चेक वितरित किया

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>मुख्यमंत्री ग्रामीणों को मुआवजा राशि वितरित करते हुए</p></div>
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मुख्यमंत्री ग्रामीणों को मुआवजा राशि वितरित करते हुए

(फोटो : क्विंट)

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छत्तीसगढ़ में चल रहे भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चंद्रपुर विधानसभा में डभरा विकासखंड के मुक्ता गांव पहुंचे. मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से बातचीत की और राज्य शासन के जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की, जिसमें किसानों के लिए भी काफी कुछ था. खाद्य विभाग के सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप खरीफ विपणन साल 2022-23 के लिए एक नवंबर 2022 से धान खरीदी शुरू हो जाएगी. किसानों से धान खरीदी के लिए राज्य शासन द्वारा सभी तैयारियां कर ली गई हैं.

राज्योत्सव के साथ ही खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में प्रदेश के पंजीकृत किसानों से 1 नवंबर0 2022 से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम शुरू होगा. इस साल करीब 110 लाख मीट्रिक धान का उपज अनुमानित है, जिसके लिए किसानों के नवीन पंजीकरण और पंजीकृत फसल/रकबा में संशोधन 1 जुलाई 2022 से शुरू है, जो 31 अक्टूबर 2022 तक चलेगा. चालू खरीफ विपणन वर्ष के लिए अब तक 24 लाख 62 हजार किसानों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है. इस साल 60 हजार 878 नए किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.

खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, रजिस्ट्रेशन का काम शुरू हो चुका है. धान खरीदी केंद्रों में अवैध धान की आवक रोकने और संवेदनशील उपार्जन केंद्रों की पहचान के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त के संबंध में जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिया गया है. धान खरीदी के लिए सॉफ्टवेयर में जरूरी प्रावधान कर लिया गया है, जिसका ट्रायल रन अगले हफ्ते से होगा. प्रदेश में धान खरीदी के लिए प्रारंभिक तैयारियां कराने जिला कलेक्टरों और जिला विपणन अधिकारियों को शासन और विपणन संघ स्तर पर निर्देश दिए गए हैं. धान खरीदी की मॉनिटरिंग के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी भी शासन द्वारा नियुक्त किए जा चुके हैं.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किए कई ऐलान

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम के दौरान कई घोषणाएं की. साराडीह बैराज में पर्यटन स्थल का विकास, साराडीह में सामुदायिक भवन का निर्माण, साराडीह में राम निषाद के घर से मांझा खोल तक सीसी रोड निर्माण, चंद्रपुर में थाना भवन का निर्माण, ग्राम टूंड्री में पुलिस चौकी निर्माण, सिरियागढ़ के शासकीय हाईस्कूल को हायर सेकेंडरी स्कूल में उन्नत किया जाएगा. इसके अलावा सकराली में 33/11 केवी सब स्टेशन का निर्माण, डभरा शासकीय कॉलेज रोड का निर्माण जैसी घोषणाएं की. मुख्यमंत्री ने साराडीह बैराज के डूबान क्षेत्र के 12 प्रभावितों को 3 करोड़ 54 लाख 74 हजार रुपए की राशि का चेक वितरित किया.

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से चर्चा करते हुए कहा कि

मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार साराडीह आया हूं. प्रदेश में हमारी सरकार बनने के बाद प्रत्येक वर्ग के लिए योजनाएं बनाई गई. ये योजनाएं जमीनी स्तर पर सही मायने में क्रियान्वित हो रही है कि नहीं, ये देखने जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों को लेकर मैं यहां आया हूं. हमारी सरकार किसानों की, गरीबों, मजदूरों की सरकार है. हमें सबसे पहले किसानों के ऋण माफी का फैसला लिया. राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों को फसलों की सही कीमत मिल रही है.

लड़कियों के लिए ऐलान

नगरीय प्रशासन और विकास श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने प्रदेश के श्रमिक भाईयों से कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन के श्रम विभाग की योजनाओं का फायदा उठाकर वे अपने परिवार को खुशहाल बनायें. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि अधिक से अधिक श्रमिकों को योजना लाभांवित करें. नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. डहरिया ने रायपुर जिले के आरंग स्थित नए कृषि उपज मंडी में मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना के तहत हितग्राहियों को चेक वितरण कार्यक्रम को संबोधित किया. डॉ. डहरिया ने आरंग में 362 हितग्राहियों को 72 लाख 40 हजार रूपए की राशि का वितरण किया.

डॉ. डहरिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के श्रम विभाग के अंतर्गत सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा संचालित श्रमिकों की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के उदेश्य से तथा उन्हें शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा उनके विवाह के लिए सहयोग राशि प्रदान करने मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना संचालित की जा रही है.

योजना के तहत पात्र श्रमिक परिवार की प्रथम दो बेटियों जिनकी उम्र न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 21 वर्ष हो, और वह अविवाहित हो, उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए 20-20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में हस्तांतरित की जाती है.

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किसानों से मिले सीएम 

मुख्यमंत्री ने मुक्ता गांव के लोगों से राज्य शासन की प्रमुख जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली. इस दौरान ग्राम मुक्ता के किसान गजानंद गबेल ने बताया कि उनका ढाई लाख रुपये का कृषि ऋण माफ हुआ है. उन्होंने समर्थन मूल्य में धान बिक्री किया. उनका 20 एकड़ कृषि भूमि है, जिसमे वे खेती करते हैं और धान बेचने से राजीव गांधी किसान न्याय योजना से हुई आमदनी से पौने दो एकड़ खेत खरीदने के साथ अपनी पत्नी के लिए भी सामान खरीदे हैं.

ग्राम चिखली निवासी किसान भगत राम चन्द्रा ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनका लगभग सवा लाख से अधिक का कृषि ऋण माफ हुआ है. उन्होंने भी 3 एकड़ में उत्पादित धान बेचा है और राशि मिलने से पत्नी के लिए साड़ी खरीदा है और सिंचाई के लिए बोर भी खुदवाया है. ग्राम जगमहन की पूजा खरे कहती हैं कि उनका गरीबी रेखा का राशन कार्ड बन जाने से उसके बेटे का एडमिशन स्वामी आत्मानन्द शासकीय अंग्रेजी विद्यालय में हुआ है. उन्हें समय पर 35 किलो चावल, शक्कर, नमक भी मिल जाता है.

ग्रामीणों की मांग पर मुक्ता को विकसित करने के लिए CM का ऐलान

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की मांग पर ग्राम मुक्ता के गौठान में समतलीकरण और मुरूमीकरण निर्माण, मुक्ता से मालखरौदा से आगे तक सीसी रोड निर्माण, सामुदायिक भवन, ग्राम जमगहन के खनती तालाब का सौंदर्यीकरण की घोषणा की. साथ ही ग्राम मुक्ता के मुक्तिधाम में अहाता और शेड निर्माण, मुड़ातालाब में तटबंध (दीवाल), ग्राम पंचायत मालखरोदा में मुख्यमार्ग कलमी और नहरपार से चिखली, छोटेकोट, सिघरा होते हुए बेल्हाडीह तक सड़क निर्माण, ग्राम पंचायत सिंघरा में महिलाओं के प्रशिक्षण के लिए एन.आर.एल. एम डोम निर्माण, ग्राम, सारसडोल में पूर्व माध्यमिक शाला को हाई स्कूल में और ग्राम जमगहन और सुलौनी के हाई स्कूल का हायर सेकेंडरी स्कूल में उन्नयन, ग्राम मुक्ता में नवीन हाई स्कूल, में मां अष्टभुजी देवी की नगरी नगर पंचायत अडभार को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने, मालखरौदा में युवा प्रशिक्षण केंद्र में अहाता निर्माण, खर्री गांव में पुल निर्माण की भी घोषणा की.

अधिग्रहित जमीन का नहीं मिला मुआवजा, मुख्यमंत्री ने कलेक्टर और एसडीएम को दिए निर्देश

बाराद्वार के किसान गोलू बरेठ ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बताया कि 2010 में पावर प्लांट के नाम से अधिग्रहित की गई भूमि में अभी तक न तो उद्योग स्थापित हुआ और न ही मुआवजा मिला है. उन्होंने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि अन्य कई गांवों के किसानों से अधिग्रहित जमीन की वापसी कर दी गई है. इसी तरह ग्राम हरदी के किसान हजारी लाल चंद्रा अपनी 41 डिसमिल जमीन का मैन्युअल में अपना नाम होने, ऋण पुस्तिका भी होने की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री को बताया कि ऑनलाइन में उनकी जमीन किसी अन्य के नाम पर दिखा रहा है.

कई बार अधिकारियों के पास जाने पर भी उनकी समस्या का निराकरण नहीं हुआ है. जानकी चौधरी ने वर्ष 2015-16 में जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजा नहीं मिलने की जानकारी मुख्यमंत्री को दी. ग्राम छपोराडोमा के सखा राम साहू ने बंटवारा नहीं हो पाने से धान नहीं बेच पाने की जानकारी दी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोगों की शिकायतों का निराकरण के निर्देश एसडीएम सक्ती और कलेक्टर को दिए.

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