Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019चीन ने नहीं माने सीमा समझौते, द्विपक्षीय संबंधों की बुनियाद गड़बड़ाई: जयशंकर

चीन ने नहीं माने सीमा समझौते, द्विपक्षीय संबंधों की बुनियाद गड़बड़ाई: जयशंकर

मॉस्को के ‘प्राइमाकोव इंस्टिट्यूट ऑफ वर्ल्ड इकनॉमी एंड इंटरनेशनल रिलेशन्स’ में S Jaishankar ने और क्या कहा?

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
विदेश मंत्री एस जयशंकर
i
विदेश मंत्री एस जयशंकर
(फोटोः PTI)

advertisement

विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने गुरुवार को कहा कि बीते एक साल से भारत-चीन संबंधों को लेकर बहुत चिंता पैदा हुई है क्योंकि बीजिंग ने सीमा मुद्दे को लेकर समझौतों का पालन नहीं किया है, जिसकी वजह से द्विपक्षीय संबंधों की बुनियाद 'गड़बड़ा' गई है.

मॉस्को के ‘प्राइमाकोव इंस्टिट्यूट ऑफ वर्ल्ड इकनॉमी एंड इंटरनेशनल रिलेशन्स’ में भारत और चीन के संबंधों के बारे में एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘‘मैं कहना चाहूंगा कि बीते चालीस साल से चीन के साथ हमारे संबंध बहुत ही स्थिर थे...चीन दूसरा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार के रूप में उभरा.’’

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, तीन दिवसीय दौरे पर गए जयशंकर ने आगे कहा, ‘‘लेकिन बीते एक साल से, इस संबंध को लेकर बहुत चिंता पैदा हुई है क्योंकि हमारी सीमा को लेकर जो समझौते किए गए थे, चीन ने उनका पालन नहीं किया.’’

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
उन्होंने कहा, ‘‘45 साल बाद, वास्तव में सीमा पर झड़प हुई और इसमें जवान मारे गए, और किसी भी देश के लिए सीमा का तनावरहित होना, वहां पर शांति होना ही पड़ोसी के साथ संबंधों की बुनियाद होता है. इसीलिए बुनियाद गड़बड़ा गई है और संबंध भी.’’

बता दें कि पिछले साल मई महीने की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध पैदा हुआ था. कई दौर की सैन्य और राजनयिक बातचीत के बाद फरवरी में दोनों ही पक्षों ने पैंगांग झील के उत्तर और दक्षिण तटों से अपने सैनिक और हथियार वापस बुला लिए. विवाद के स्थलों से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों के बीच अभी भी वार्ता चल रही है.

भारत हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग से सैनिकों को हटाने पर विशेष तौर पर जोर दे रहा है. सेना के अधिकारियों के मुताबिक, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ऊंचाई पर स्थित संवेदनशील क्षेत्रों में हर पक्ष के अभी करीब 50000 से 60000 सैनिक तैनात हैं.

विवाद के बाकी के स्थलों से सैनिकों की वापसी की दिशा में कोई प्रगति अब नजर नहीं आ रही है क्योंकि चीनी पक्ष ने 11वें दौर की सैन्य वार्ता में अपने रवैये में कोई नरमी नहीं दिखाई.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT