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चीन एलएसी यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर अपनी एयरफोर्स की मौजूदगी बढ़ा रहा है. अपनी वेस्टर्न थिएटर कमांड के एयर डिफेंस को चीन बॉर्डर पर लगातार अपग्रेड कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन के एक मिलिट्री एक्सपर्ट ने बताया कि भारत की ओर से किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए चीन ये कदम उठा रहा है.
चीन की मिलिट्री ने जे-10 और जे-11 फाइटर प्लेन की तस्वीरें साझा की हैं. जे-10 एक कम वजन और मल्टीरोल वाला फाइटर एयरक्राफ्ट है तो वहीं जे-11 सिंगल सीट और ट्विन इंजन वाला जेट है जो चीनी न्यू ईयर और स्प्रिंग फेस्टिवल के दौरान वेस्टर्न चीन के ऊंची पहाड़ियों पर उड़ते हुए नजर आए थे.
पीपल लिब्रेशन आर्मी की वेबसाइट बताती है कि ये दोनों जेट विमान एयर फोर्स की विमानन ब्रिगेड से जुड़े हुए हैं. हाल ही में चीन ने अपने जे-20 नाम के फाइटर जेट को भी अपने बेड़े में शामिल किया जो छुपकर वार करने में माहिर है और दुनिया के इस हिस्से में पहला ऐसा फाइटर जेट है.
वेस्टर्न थिएटर कमांड भारत से सटे सीमाई इलाकों में पर्वतीय युद्ध से जुड़ी कार्रवाइयों के लिए जिम्मेदार है. काफी ऊंचाई पर स्थित तिब्बती पठार समेत 3,488 किलोमीटर में एलएसी का फैलाव है. सीमा के सिक्किम खंड के डोकलाम में पिछले साल भारत और चीन के बीच 73 दिनों तक चले गतिरोध के बाद दोनों देश अपने रिश्ते को बेहतर बनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. चीनी सैन्य विशेषज्ञ और टीवी टिप्पणीकार सोंग झोंगपिंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि पर्वतीय इलाके के हवाई क्षेत्र पर नियंत्रण मजबूत करना चीन के लिए अहम है.
सोंग ने कहा, ‘‘3.5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को मजबूत करना या पश्चिमी थिएटर कमान में ज्यादा आधुनिक लड़ाकू विमानों को तैनात करना पीएलए के लिए बहुत जरूरी रहा है.'' भारत के पास तीसरी पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं, इसे देखते हुए चीन के 3.5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को तैनात करने से वो भारत से किसी भी तरह के मौजूदा खतरे से निपट सकने में सक्षम होगा.
साल 2013 में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से ही शी जिनपिंग पीएलए से कहते रहे हैं कि वो स्थानीय युद्धों को जीतने के लिए सीधी (लाइव) फायरिंग ड्रिल्स करती रहें.
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