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पब्लिक टेंडर हासिल नहीं कर पाएंगी चीनी कंपनियां, क्या है नया नियम?

कुछ मामलों में छूट दी गई है

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भारत
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कुछ मामलों में छूट दी गई है
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कुछ मामलों में छूट दी गई है
(फोटो: Quint) 

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भारत ने चीन के साथ आर्थिक गतिविधियों में एक और नियम जोड़ दिया है और ऐसा 'राष्ट्रीय सुरक्षा' और 'भारत के डिफेंस' के आधार पर किया गया है. भारत ने उन देशों के बोली लगाने वालों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनके साथ वो जमीनी सीमा साझा करता है.

चीन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के साथ भारत जमीनी सीमा साझा करता है, लेकिन भारत ने उन देशों को छूट दे दी है जिन्हें वो लाइन ऑफ क्रेडिट देता है. लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, इसका मतलब है कि ये नियम सिर्फ चीन और पाकिस्तान पर लागू होगा.  

बोली लगाने वालों को प्रोक्योरमेंट प्रोसेस से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा, अगर वो रजिस्ट्रेशन कमेटी में रजिस्टर नहीं कराएंगे. ये कमेटी डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) बनाएगी.

हाल ही में मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने TikTok, WeChat समेत चीन के 59 ऐप बैन कर दिए थे. भारत का आरोप था कि ये ऐप यूजर डेटा इकट्ठा कर उसे चीन को देते हैं और देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं.

क्या है नया नियम?

वित्त मंत्रालय ने कथित रूप से अपने बयान में कहा, "भारत सरकार ने जनरल फाइनेंशियल नियमों 2017 में बदलाव किया है, जिससे उन देशों के बिडर्स पर प्रतिबंध लग जाएगा जिनके साथ भारत जमीनी सीमा साझा करता है. ऐसा भारत के डिफेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया गया है."

प्राइवेट सेक्टर को कथित रूप से इन नियम से छूट मिली हुई है. इसमें पब्लिक सेक्टर बैंक और फाइनेंशियल संस्थाएं, ऑटोनॉमस बॉडीज, सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज (CPSEs) और सरकारी फंड पाने वाले पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप प्रोजेक्ट शामिल हैं.  

विदेश और गृह मंत्रालय से राजनीतिक और सुरक्षा क्लीयरेंस की कथित रूप से जरूरत होगी और नियम सभी नए टेंडर पर लागू होगा.

बयान में कहा गया, "जो टेंडर पहले से ही आमंत्रित किए जा चुके हैं, अगर योग्यता आकलन की पहली स्टेज पूरी नहीं हुई है, तो नए आदेश के मुताबिक रजिस्टर नहीं कराने वाले बिडर्स योग्य नहीं माने जाएंगे. अगर ये स्टेज पार हो चुकी है तो टेंडर कैंसल कर दिया जाएगा और प्रक्रिया दोबारा शुरू होगी."

कुछ मामलों में छूट दी गई है. दिसंबर 2020 तक कोरोना वायरस महामारी को काबू में करने के लिए मेडिकल सप्लाइज खरीदना इसमें शामिल है.

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