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भारतीय सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों ने मंगलवार को लद्दाख में पानगोंग झील के किनारे भारतीय क्षेत्र में घुसने की चीनी सैनिकों की कोशिश को नाकाम कर दिया. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस दौरान दोनों ओर से पथराव भी हुआ, जिसमें दोनों तरफ के जवानों को मामूली चोटें आई हैं.
अधिकारियों ने बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने सुबह छह बजे से नौ बजे के बीच दो इलाको- फिंगर फोर और फिंगर फाइव में भारतीय सीमा में दाखिल होने का दो बार प्रयास किया, लेकिन इन दोनों मौकों पर भारतीय जवानों ने उनके प्रयासों को नाकाम कर दिया.
चीनी सैनिकों ने लद्दाख के पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे से घुसपैठ की कोशिश की. इस झील की ऊंचाई करीब 4500 मीटर और लंबाई 134 किमी है. झील का 45 किलोमीटर का हिस्सा भारतीय क्षेत्र में है और 90 किलोमीटर चीनी क्षेत्र में है.
जब चीनी सैनिकों ने पाया कि उनके सामने भारतीय सैनिक मानव श्रृंखला बनाकर खड़े हैं तो उन्होंने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया, जिसके बाद भारतीय जवानों ने तत्काल जवाब देते हुए पथराव किया. इस घटना में दोनों तरफ के जवानों को मामूली चोटें आईं और रस्मी 'बैनर ड्रिल' के बाद स्थिति को नियंत्रण में लाया गया. बैनर ड्रिल के तहत दोनों पक्ष अपने स्थान पर जाने से पहले बैनर दिखाते हैं.
नई दिल्ली में सेना के एक प्रवक्ता ने इस घटना पर टिप्पणी करने से इनकार किया. यह घटना उस वक्त हुई है जब सिक्किम सेक्टर में डोकलाम में दोनों देशों के बीच गतिरोध बना हुआ है. चीनी सैनिक फिंगर फोर इलाके में घुसने में कामयाब हो गए थे, जहां से उनको वापस भेजा गया. यह इलाका दोनों देशों के बीच गतिरोध का केंद्र रहा है क्योंकि दोनों इसे अपने क्षेत्र का हिस्सा बताते हैं.
अधिकारियों ने कहा कि भारतीय पक्ष ने 1990 के दशक के आखिर में हुई बातचीत के दौरान जब इस इलाके पर दावा किया था तब चीनी सेना ने मेटल-टॉप रोड का निर्माण किया था और इस बात पर जोर दिया था कि यह अक्साई चीन का हिस्सा है. चीन ने फिंगर फोर तक सड़क का निर्माण कराया था जो सिरी जाप इलाके में आता है और वास्तविक नियंत्रण रेखा से पांच किलोमीटर की दूरी पर है.
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