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चिन्मयानंद केस में अब सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए हैं. केस की निगरानी इलाहाबाद हाईकोर्ट करेगा.पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली लड़की और उसके परिवार को सुरक्षा देने के लिए भी कोर्ट ने कहा है. इससे पहले 30 अगस्त को उत्तर प्रदेश पुलिस ने लॉ स्टूडेंट को राजस्थान से ढूंढा. 30 अगस्त को ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी पुलिस ने शाहजहांपुर केस की पीड़िता को जज के सामने पेश किया.
पूर्व सांसद और केंद्र की वाजपेयी सरकार में मंत्री रह चुके चिन्मयानंद पर शाहजहांपुर के एसएस लॉ कॉलेज की एक छात्रा ने "उत्पीड़न और कई लड़कियों के जीवन को तबाह करने" का आरोप लगाया गया है. छात्रा ने ये दावा सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई एक वीडियो क्लिप में किया था.
पीड़ित लड़की के पिता के मुताबिक, 23 अगस्त को वीडियो वायरल होने के बाद छात्रावास में लड़की के कमरे में ताला लगा पाया गया था. इसके बाद 24 अगस्त को दिल्ली के एक मोबाइल नंबर से उनकी बेटी का फोन आया, जिसमें उसने बताया कि वो ठीक है. इससे आगे उसकी परिजनों से ज्यादा बात नहीं हो सकी.
मामला तूल पकड़ता देख यूपी पुलिस ने लापता लड़की को खोजने के लिए सात टीमें बनाईं थीं. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए पीड़ित लड़की के छात्रावास का कमरा सील कर दिया था.
वकीलों के एक समूह ने 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि उत्तर प्रदेश में लापता लॉ स्टूडेंट के मामले में कोर्ट हस्तक्षेप करे, ताकि उन्नाव जैसी दुर्घटना से बचा जा सके. इसके बाद कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केस पर सुनवाई के लिए 30 अगस्त की तारीख तय की. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को लड़की को कोर्ट के सामने पेश करने का आदेश दिया. 30 अगस्त को ही लड़की सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश हुई. अब सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को SIT गठित करने का आदेश दिया है.
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