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नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली में रविवार को प्रदर्शन हिंसक हो गया. भीड़ ने चार बसों में आग लगा दी और पथराव में दो अग्निशमन कर्मी घायल हो गए. आगजनी की घटनाओं के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से हिंसा न करने की अपील की है. वहीं, दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने हिंसा के पीछे आम आदमी पार्टी का हाथ बताया है. मनीष सिसोदिया ने आगजनी को दिल्ली चुनाव और बीजेपी से जोड़ दिया.
इस बीच केजरीवाल ने दिल्ली के उपराज्यपाल से बात की है. केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया, "उपराज्यपाल से हालात दोबारा सामान्य और शांति के लिए कदम उठाने के लिए कहा है. असल में जिन्होंने हिंसा की है उनकी शिनाख्त हो और सजा दी जाए."
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आगजनी की घटनाओं को दिल्ली विधानसभा चुनावों से जोड़ दिया है. सिसोदिया का कहना है कि ये सब बीजेपी चुनाव में हार के डर से करा रही है.
न्यूज एजेंसी ANI ने जानकारी थी कि दिल्ली में जिस जगह हिंसक प्रदर्शन हुए हैं, वहां AAP के विधायक अमानतुल्लाह खान को देखा गया था.
मनोज तिवारी ने इसको लेकर ट्वीट किया और हिंसा के लिए अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया है. तिवारी ने लिखा,
दिल्ली बीजेपी के नेता विजय गोयल ने भी अमनातुल्लाह खान का जिक्र करते हुए केजरीवाल पर निशाना साधा है. गोयल ने ट्वीट में लिखा, “क्या अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता को बता सकेंगे कि हिंसक प्रदर्शन में AAP विधायक क्या कर रहे थे?”
AAP नेता नागेंद्र शर्मा ने अमानतुल्लाह खान का बचाव करते हुए लिखा कि मीडिया को खान की लोकेशन को वेरीफाई करना चाहिए था. शर्मा ने लिखा,
खान से जुड़े विवाद पर आम आदमी पार्टी ने उनकी प्रतिक्रिया ट्वीट की है
AAP नेता गोपाल राय ने हिंसा की निंदा की और शांति की अपील भी की है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दिल्ली हिंसा समेत नागरिकता कानून पर पूरे देश में हो रहे बवाल को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है. सुरजेवाला ने ट्विटर पर लिखा, “
सुरजेवाला ने जामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस एक्शन पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने लिखा, “बीजेपी सरकार द्वारा जामिया यूनिवर्सिटी में लाइब्रेरी-हॉस्टल में घुस कर आंसू गैस छोड़ना, युवाओं को मारना पीटना कहां वाजिब है? क्या छात्र सविंधान की आत्मा पर #CAB2019 के खिलाफ विरोध नही कर सकते?”
CPM नेता सीताराम येचुरी ने भी जामिया में पुलिस एक्शन की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट किया, "पुलिस का यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसना अवैध है. लाइब्रेरी में घुसना, आंसू गैस के गोले दागना, शक्ति का इस्तेमाल और छात्रों को हाथ ऊपर कराकर मार्च करवाना गलत है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं.
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि देश को हिंसा में झोंक देना ही सत्ताधारी पार्टी का असली गुजरात मॉडल है. यादव ने ट्विटर पर लिखा, "जिस प्रकार जामिया मिलिया के छात्र-छात्राओं से बर्बरतापूर्ण हिंसा हुई है और विद्यार्थी अभी भी फंसे हुए हैं, वो बेहद निंदनीय है. पूरे देश को हिंसा में फूंक देना ही क्या आज के सत्ताधारियों का असली ‘गुजरात मॉडल’ है."
AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने जामिया में हुए बवाल की न्यायिक जांच की मांग की है. ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा, "जामिया मिल्लिया के साथ सॉलिडेरिटी में. दिल्ली पुलिस को कस्टडी में लिए गए सभी छात्रों को छोड़ना चाहिए और वो बताएं कि कितने छात्र बर्बरता में जख्मी हुए हैं. घटना की स्वतंत्र न्यायिक जांच होनी चाहिए."
बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर दिल्ली में बडे़ पैमान पर प्रदर्शन देखा जा रहा है. प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने चार बसों में आग लगा दी है और पथराव में दो फायरब्रिगेड कर्मचारी घायल हो गए हैं. जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने इस हिंसक विरोध प्रदर्शन और आगजनी से खुद को अलग कर दिया है. द क्विंट से बातचीत में जामिया के छात्रों ने कहा कि वो किसी भी तरह की हिंसा में भरोसा नहीं रखते हैं और दिल्ली में हुई हिंसा में यूनिवर्सिटी का कोई छात्र शामिल नहीं है.
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