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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया. इस विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से शरणार्थी के तौर पर आए उन गैर मुसलमानों को नागरिकता प्रदान करने की बात कही गई है, जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा हो.
इस विधेयक पर सरकार और विपक्ष में जोरदार बहस हुई. सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के आरोपों पर जवाब दिया.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 5, 14 और 15 की मूल भावना के खिलाफ है. आर्टिकल 13, आर्टिकल 14 को कमजोर किया जा रहा है.’
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा, ‘धर्म क्या हमारे देश का आधार हो सकता है? जिन्हें धर्म के आधार पर देश चाहिए था, उन्होंने पाकिस्तान बनाया.’
इससे पहले थरूर ने कहा था कि संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का पारित होना निश्चित तौर पर महात्मा गांधी के विचारों पर मोहम्मद अली जिन्ना के विचारों की जीत होगी. थरूर ने कहा कि धर्म के आधार पर नागरिकता देने से भारत ‘‘पाकिस्तान का हिंदुत्व संस्करण’’ भर बनकर रह जाएगा.
लोकसभा में AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विवादस्पद बयान दिया, जिसके बाद सदन में हंगामा मच गया. ओवैसी ने कहा कि सेक्युलरिज्म देश के बेसिक स्ट्रक्रचर का हिस्सा है. यह बिल मौलिक अधिकारों का हनन करता है.
नागरिकता संशोधन विधेयक पेश होने के बाद लोकसभा में टीएमसी सांसद सौगत राय ने कहा कि गृह मंत्री नए हैं, उन्हें शायद नियमों की जानकारी नहीं है. इसके बाद लोकसभा में हंगामा हो गया.
टीएमसी सांसद सौगत राय ने लोकसभा में कहा कि आज संविधान संकट में है. इसके बाद बीजेपी के सदस्यों ने उनके बयान का विरोध किया. बीजेपी के हंगामे के दौरान टीएमसी सांसद बोले- मारेंगे क्या, मारेंगे क्या मुझे?
नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर शिवसेना ने केंद्र सरकार पर ‘हिंदू-मुस्लिम विभाजन’ का आरोप लगाया है. शिवसेना ने कहा कि विधेयक में संशोधन देशहित में नहीं है ये सिर्फ वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिए किया जा रहा है.
समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर सरकार को घेरते हुये इसे भारत और संविधान का अपमान बताया है.
अखिलेश यादव ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘ना किसान की आय दोगुनी हुई,ना गंगा साफ हुई, ना अर्थव्यवस्था में सुधार लाए ,ना काला धन वापस लाए, ना नौकरियां लाए, ना बेटियों को बचा पाए, ना विकास कर पाए, मैंने पहले कहा था. इनकी राजनीति ध्यान हटाने और समाज बांटने की है. नागरिकता संशोधन विधेयक भारत का और संविधान का अपमान है.''
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