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SC ने ‘द वायर’ के खिलाफ जय शाह की मानहानि कार्यवाही पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ‘मीडिया को और जिम्मेदार होना चाहिए’

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भारत
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सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की  नियुक्ति का मामला लटका 
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सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की  नियुक्ति का मामला लटका 
(फोटो: Reuters)

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सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी चीफ अमित शाह के बेटे जय शाह की ओर से न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ के संपादक के खिलाफ कार्यवाही करने पर रोक लगा दी है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात की निचली अदालत को निर्देश दिया कि न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ और उसके पत्रकारों के खिलाफ जय शाह की ओर से दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि की शिकायत के मामले में 12 अप्रैल तक कार्यवाही नहीं की जाये.

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने पत्रकारों के खिलाफ शिकायत दायर करने वाले जय शाह और अन्य को इस याचिका पर दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

मीडिया को और जिम्मेदार होना चाहिए

न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ के इन पत्रकारों ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है जिसने उनके खिलाफ निचली अदालत के समन निरस्त करने से इंकार कर दिया था. पीठ ने टिप्पणी की कि मीडिया को और अधिक जिम्मेदार होना चाहिए और वह किसी भी व्यक्ति के बारे में जो मन में आये नहीं लिख सकता है.

चीफ जस्टिस ने बार-बार यह दोहराया कि वह पेश मामले के संदर्भ में टिप्पणियां नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई बार तो पत्रकार इस तरह से लिखते हैं जो कोर्ट की अवमानना होता है.

चीफ जस्टिस ने कहा,

“मैंने कई बार बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में कहा है. हम मीडिया पर अंकुश लगाने नहीं जा रहे. मीडिया पर अंकुश लगाने का सवाल ही नहीं उठता. लेकिन प्रेस को और अधिक जिम्मेदार होना चाहिए.”
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क्या है पूरा मामला?

गुजरात हाई कोर्ट ने निचली अदालत का समन निरस्त करने के लिये न्यूज पोर्टल की याचिका आठ जनवरी को खारिज कर दी थी. इस पोर्टल ने जय शाह की कंपनी के बारे में लिखे एक लेख को लेकर आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी, जिस पर निचली अदालत ने उसे समन जारी किया था.

हाई कोर्ट ने न्यूज पोर्टल की याचिका इस आधार पर खारिज कर दी थी कि‘ गोल्डन टच आफ जय अमित शाह' शीर्षक से प्रकाशित लेख वास्तव में‘ मानहानिकारक' है और निचली अदालत को इस मामले में आगे कार्यवाही करनी चाहिए.

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