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CJI चंद्रचूड़ ने की SC के विस्तार की घोषणा: 27 नए कोर्टरूम बनाने की तैयारी

CJI डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट परिसर में आयोजित 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में बोल रहे थे.

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<div class="paragraphs"><p>CJI DY Chandrachud</p></div>
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CJI DY Chandrachud

(फोटो- पीटीआई)

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'बार एंड बेंच' की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने मंगलवार, 15 अगस्त को घोषणा की कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के बुनियादी ढांचे का व्यापक विस्तार होगा. जिसमें 27 नए कोर्ट रूम, चार रजिस्ट्रार कोर्ट रूम और वकीलों और वादियों के लिए बेहतर सुविधाएं शामिल हैं.

सीजेआई ने क्या कहा? शीर्ष अदालत परिसर में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SBCA) द्वारा आयोजित 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में बोलते हुए, सीजेआई ने कहा:

"हमें जल्द से जल्द न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार करने की जरूरत है. हम 27 अतिरिक्त कोर्ट रूम, 4 रजिस्ट्रार कोर्ट रूम और वकीलों और वादियों के लिए पर्याप्त सुविधाओं के लिए एक नई इमारत का निर्माण करके सर्वोच्च न्यायालय का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं."
न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, भारत के मुख्य न्यायाधीश

सीजेआई ने और क्या कहा ? उन्होंने आगे कहा कि 15 कोर्ट रूम, एससीबीए मीटिंग रूम और महिला वकीलों के लिए बार रूम बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट परिसर में संग्रहालय और एनेक्सी बिल्डिंग को ध्वस्त कर दिया जाएगा.

आपको आगे क्यों पढ़ना चाहिए: सीजेआई ने कहा कि यह परियोजना दो चरणों में पूरी की जाएगी, और कहा कि एक विस्तृत प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया है.

"हमने अपना प्रस्ताव केंद्र सरकार को सौंप दिया है और फाइल न्याय विभाग के पास है. बजट सहित विस्तृत योजनाएं तैयार की गई हैं. मुझे यकीन है कि कानून मंत्री और न्याय विभाग इस पर अच्छी तरह से ध्यान देंगे."
लाइव लॉ के अनुसार सीजेआई

यह महत्वपूर्ण क्यों है? सीजेआई ने अपने भाषण में उन बाधाओं को दूर करने की अदालतों की जिम्मेदारी पर प्रकाश डाला जो आम लोगों, विशेषकर हाशिए पर रहने वाले लोगों को अदालतों तक पहुंचने से रोकती हैं.

लाइव लॉ के मुताबिक उन्होंने कहा, "पिछले 76 वर्षों से पता चलता है कि भारतीय न्यायपालिका का इतिहास दैनिक आम लोगों के संघर्ष का इतिहास है. अदालत के लिए कोई भी मामला बड़ा या छोटा नहीं होता. छोटे दिखने वाले मामलों में, बड़े संवैधानिक महत्व के मामले सामने आते हैं."

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