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पूरे भारत में कोरोना वायरस को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. वहीं इस प्रकोप में प्रवासी मजदूर अलग तरह का दर्द झेलने को मजबूर है. इन मजदूरों को काम न होने के चलते महानगरों से अपने घरों को निकलना पड़ा. ऐसे ही जब कई हजार मजदूर मध्य प्रदेश के दतिया से निकलकर उत्तर प्रदेश के जिले झांसी की सीमा पर पहुंचे तो उत्तर प्रदेश की पुलिस ने रोक दिया. इसी की वजह से दतिया और झांसी के पुलिस प्रशासन में जमकर टकराव हुआ.
12 बजे की चिलचिलाती धूप में मजदूरों को वहीं घंटों बैठे रहना पड़ा. ये मजदूर महानगरों से अपने गांव के लिए निकले हैं और लगातार 3-4 दिन से पैदल चल रहे हैं. इन मजदूरों में बड़ी तादाद में महिला और बच्चे भी शामिल हैं, जो भरी दोपहर में भूख और प्यास से तड़प उठे.
जब इस घटना की जानकारी दतिया पुलिस प्रशासन और जिला कलेक्टर को दी गई, तो सीमा पर कलेक्टर, एसपी, अपर कलेक्टर, एसडीएम, एसडीओपी सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा. इसके बाद सीमा पर मजदूरों को रोकने को लेकर झांसी और दतिया प्रशासनिक अधिकारियों को जमकर विवाद हुआ. कई बार सीमा पर बेरिकेड्स लगाने पर दोनों तरफ की पुलिस झगड़ती नजर आई है.
इस सरकारी ड्रामे के बीच ये मजदूरों को खाने पीने के लाले पड़ गए. स्थानीय अखबार नईदुनिया के मुताबिक उत्तर प्रदेेश की पुलिस ने कुछ मजदूरों के साथ हाथापाई भी की. रोके जाने के बाद जब कुछ मजदूरों ने झांसी की सीमा पार करने की कोशिश की तो यूपी पुलिस ने इन मजदूरों पर लाठियों से हमला किया. ये देखकर वहां मजदूरों की भीड़ उग्र हो गई. मौके पर पहुंचे दतिया के अधिकारियों ने बाद में स्थिति को संभाला.
दो राज्यों के अधिकारियों के बीच ये नोंक-झोंक करीब 5 घंटे तक चली. हजारों मजदूर तब तक वहीं डेरा जमाए बैठे रहे. हांलाकि बाद में दतिया अधिकारियों की बात पर एक-एक कर वाहनों को दतिया सीमा के लिए जाने दिया गया. हांलाकि कुछ स्थानीय समाजसेवी संगठनों ने मजदूरों की मदद की, उनकी भोजन-पानी की व्यवस्था की.
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