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कोबरा पोस्ट ने अपने ऑपरेशन 136 की दूसरी किस्त में मीडिया पर बड़े खुलासे का दावा किया है. इसमें बड़े मीडिया समूहों पर आरोप है कि उन्होंने राजनीतिक सौदेबाजी की और रकम लेकर हिंदुत्व का एजेंडा चलाने को राजी हो गए जिससे एक खास पार्टी को चुनावी फायदा पहुंच सके.
स्टिंग ऑपरेशन में टाइम्स ग्रुप, इंडिया टुडे ग्रुप, हिंदुस्तान टाइम्स ग्रुप, जी न्यूज, नेटवर्क 18, एबीपी न्यूज, दैनिक जागरण के अधिकारियों के साथ बातचीत का दावा किया गया है. .
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वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार 24 मई को कोबरापोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोक लगा दी थी.
दैनिक भास्कर मीडिया ग्रुप ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी डालकर इस स्क्रीनिंग पर रोक लगाने की मांग की थी. भास्कर की दलील थी कि कोबरा पोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन की डाक्युमेंट्री से उनकी प्रतिष्ठा को जो नुकसान होगा उसकी भरपाई मुमकिन नहीं होगी.
अहम बात ये है कि कोबरापोस्ट ने कहा है कि दैनिक भास्कर ग्रुप पर भी ये स्टिंग ऑपरेशन किया गया.
इसके अलावा कोबरा पोस्ट के इस स्टिंग में टाइम्स ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर विनित जैन का भी नाम सामने आया है. इस स्टिंग में क्या दिखाया गया है यहां जानिए
कोबरापोस्ट वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर अमल किया गया है. उनके मुताबिक दैनिक भास्कर से जुड़ी जांच को फिलहाल रिलीज नहीं किया जा रहा है. कोबरापोस्ट के मुताबिक दिल्ली हाईकोर्ट में उनका पक्ष सुने बिना ही आदेश दे दिया गया और वो इसे चुनौती देगा.
कोबरापोस्ट के मुताबिक गुप्त कैमरों से पूरे अंडर कवर ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है. इसमें आरोप लगाया गया है कि मीडिया हाउस पैसे के बदले सांप्रदायिक और ध्रुवीकरण एंगल के तौर पर खबरों को पब्लिश करने के लिए तैयार हो गए जिससे चुनावी फायदा दिलाया जा सके.
मोबाइल पेमेंट एप और पेमेंट बैंक पेटीएम का भी नाम है. कोबरा पोस्ट स्टिंग में पेटीएम के एक अधिकारी के ये कहते दिखाया गया है कि उच्च सरकारी सूत्रों के कहने पर एक राजनीतिक दल को पेटीएम का डाटा दिया गया.
पूरे स्टिंग ऑपरेशन में आरोप लगाया गया है मीडिया हाउस सही कीमत पर विपक्षी नेताओं के खिलाफ स्टोरी प्लांट करने के लिए तैयार हो गए.
कोबरापोस्ट ने ऑपरेशन 136 के तहत पहला खुलासा इसी साल मार्च में किया था.
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