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कोबरापोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन में दावा किया गया है कई नामी-गिरामी मी़डिया घरानों के साथ पेमेंट एप पेटीएम ने भी पैसे लेकर पहले हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने की हामी भर दी थी. कोबरापोस्ट की ओर से स्टिंग वरिष्ठ पत्रकार पुष्प शर्मा ने यह जांचने का फैसला किया कि क्या पेटीएम भी अपने ऐप पर उनके एजेंडे को बढ़ावा दे सकता है.
जब वो उपाध्यक्ष सुधांशु गुप्ता और सीनियर उपाध्यक्ष अजय शेखर शर्मा से पेटीएम के नोएडा कार्यालय में मिले थे तो मुलाकात काफी चौंकाने वाली साबित हुई, क्योंकि टॉप लेवल के इन अधिकारियों ने न केवल आरएसएस के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों का खुलासा किया बल्कि यह भी स्वीकार किया कि वे अपने लाखों ऐप यूजर्स की सूचनाएं केंद्र सरकार के साथ साझा कर सकते हैं.
पुष्प इन्हें अपने एजेंडे के बारे में बताते हैं और सुधांशु से पूछते हैं कि वो कैसे पेटीम के जरिए इसे प्रमोट करना पसंद करेंगे पुष्प की बात पूरी होते ही सुधांशु कहते हैं जब आप बात कर रहे हैं तो मुझे इसके कुछ आइडिया मिल रहे हैं. सुधांशु कहते हैं
पुष्प की बैठक सुधांशु के साथ पेटीएम के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट और विजय शेखर शर्मा के छोटे भाई अजय शेखर शर्मा से होती है. वह कहते हैं “संगठन को सामने नहीं लाएंगे ? मैं तो संघ से बहुत जुड़ा हुआ हूं” इस एक वाक्य के जरिए अजय शेखर संघ से अपने जुड़ाव का खुलासा करते हैं. आगे अजय शेखर अरुण कुमार, कृष्णा गोपाल, एस के मिश्रा और यहां तक कि शिवराज चौहान से भी अपनी नजदीकियों के बारे में बताते हैं. अजय शेखर बताते है कि उनकी संघ के इन सभी बड़े नेताओं से बातचीत है, और उनसे व्यावसायिक रिश्ते भी है.
अजय शर्मा एक तरफ कहते हैं कि वह बचपन से आरएसएस के करीब है, और दूसरी तरफ हमें बता रहे हैं कि हम बिजनेस से जुड़े हुए हैं. ये साबित करने के लिए कि वे सरकार और आरएसएस दोनों के करीब कितने करीब हैं, अजय शेखर ने एक और खुलासा किया
बीजेपी और संघ के बड़े नेताओं से अपने संबंधों का जिक्र करने के बाद अजय शेखर एक और खुलासा करते हैं. ये बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का जिक्र करते हुए कहते हैं कि “देखो ये जो कैलाश जी हैं ये मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं.. मतलब इन्होंने हमारे बहुत काम किए हैं.. मेरे एक दोस्त बंगाल में IPS है, इनके लिए बहुत काम कर रहा है वो इस टाइम.. ये शिवराज जी हैं इनसे ओह मतलब ये जानते हैं अजय शेखर.
आगे पुष्प कहते हैं कि मोहन भागवत जी उनके गुरुजी से मिलने आश्रम आए थे और वहां पर उन्होंने इन सब बातों पर चर्चा की थी. लिहाजा ऐसा कुछ है कि आप इसपर उनसे बात करें और कहें कि उन्होंने सीधा आपको आदेश क्यों नहीं दिया. इसपर अजय शेखर कहते हैं कि “नहीं छोटी नहीं है मैं मान रहा हूं लेकिन जब मैं मोहन भागवत जी के साथ सारे काम कर रहा हूं और मोहन भागवत जी कहें भैया तुम ये कर रहे हो तो उनको बता तो दूं कि आपके लिए कर रहा हूं”
कोबरापोस्ट का कहना है कि paytm का दावा है “हम आपकी व्यक्तिगत जानकारी किसी तीसरे पक्ष को नहीं बेचेंगे, साझा नहीं करेंगे या अनचाहे email और sms के लिए email address या मोबाइल नंबर इस्तेमाल नहीं करेंगे. paytm द्वारा भेजे गए कोई भी email या sms केवल सहमत सेवाओं के तहत होता है जो की इस गोपनीय नीति के प्रावधान के संबंध में होता है" लेकिन तहकीकात में ये भी पता लगा कि ये उनकी इस नीति का पूरी तरह उल्लंघन है. सरकार के साथ data share करते वक़्त भी paytm ने अपनी सुरक्षा नीति का भी उल्लंघन किया. हमारे नियंत्रण में जानकारी के नुकसान, दुरुपयोग और परिवर्तन की सुरक्षा के लिए पेटीएम के पास कड़े सुरक्षा उपाय हैं। जब भी आप अपनी खाता जानकारी बदलते या एक्सेस करते हैं, तो हम एक सुरक्षित सर्वर का उपयोग करते हैं। एक बार आपकी जानकारी हमारे कब्जे में हो जाने के बाद हम सख्त सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करते हैं, इसे गलत हाथों में पहुंचने के खिलाफ सुरक्षित करते हैं.
पेटीएम के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ने अजय शेखर ने कोबरापोस्ट की ओर से लगाए गए आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने उन आरोपों का गलत बताया है जिनमें कहा गया है कि पेटीएम ने पीएम को साथ यूजर्स के डाटा साझा किए. अजय पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा के भाई हैं.
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