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केरल विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने 6 फरवरी को कहा कि अगर गठबंधन सत्ता में आता है तो सबरीमला मंदिर के रिवाजों को सुरक्षित रखने के लिए एक कानून लाया जाएगा. पहले ऐसी कई न्यूज रिपोर्ट्स आई थीं कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं की एंट्री आने वाले चुनावों में UDF के लिए तुरुप का इक्का हो सकता है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और विधायक त्रिवंचूर राधाकृष्णन ने जो 'ड्राफ्ट कानून' जारी किया है, उसके मुताबिक सबरीमला मंदिर के रिवाजों का उल्लंघन करने पर दो साल की जेल हो सकता है.
राधाकृष्णन ने कोट्टायम में मीडिया से कहा, "अगर हम सत्ता में आए तो कानून बनाएंगे. इस प्रस्तावित कानून के तहत पुजारी से मश्विरा के बाद सबरीमला में अनधिकृत एंट्री पर बैन सुनिश्चित किया जाएगा और रिवाजों के उल्लंघन पर दो साल की जेल हो सकती है."
केरल में दक्षिणपंथी और बीजेपी कार्यकर्ता 10 से 50 साल तक ही महिलाओं को मंदिर में एंट्री देने को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ कई रिव्यू पिटीशन लंबित हैं और इन पर सुनवाई के लिए एक संवैधानिक बेंच बनाई जा चुकी है.
UDF के इस प्रस्तावित कानून पर सीपीएम के स्टेट सेक्रेटरी इंचार्ज ए विजयराघवन ने दावा किया कि UDF लोगों को 'बेवकूफ' बना रहा है क्योंकि जो मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, उस पर कानून बनाना मुमकिन नहीं है.
विजयराघवन ने कहा कि राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक काम करना था.
5 फरवरी को केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा कि UDF सबरीमला का मुद्दा विधानसभा चुनावों की वजह से उठा रहा है. यहां तक कि केरल में बीजेपी नेतृत्व ने भी कहा है कि कांग्रेस का ड्राफ्ट कानून चुनावों की वजह से बनाया गया है.
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