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‘चीन से फ्री ट्रेड आत्मघाती, RCEP से तबाह होगी घरेलू इंडस्ट्री’

RCEP समझौते पर अगले महीने बैंकॉक में भारत के हस्ताक्षर करने की संभावना है

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कांग्रेस ने RCEP समझौते का विरोध करने का फैसला किया
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कांग्रेस ने RCEP समझौते का विरोध करने का फैसला किया
(फोटो: कांग्रेस)

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कांग्रेस ने RCEP समझौते का विरोध करने का फैसला किया है. पार्टी ने 25 अक्टूबर को कहा कि यह समझौता ‘आत्मघाती’ साबित होगा क्योंकि फिलहाल इसके लिए सही वक्त नहीं है और यह चीन से आयात को बढ़ावा देगा. बता दें कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (RCEP) समझौते पर अगले महीने बैंकॉक में भारत के हस्ताक्षर करने की संभावना है.

RCEP 10 एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशन्स (ASEAN) देशों और उनके 6 फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) भागीदारों चीन, जापान, भारत, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच एक प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता है. 

बता दें कि अहम मुद्दों पर कांग्रेस नेताओं के 18 सदस्यीय समूह की एक बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी समान विचारधारा वाले दलों के साथ देशभर में एक आंदोलन छेड़ेगी और RCEP के मुद्दे पर एक साझा मंच बनाएगी.

एके एंटनी ने कहा,

‘‘लोगों की चिंताओं को लेकर हमेशा संवेदनशील रही पार्टी होने के नाते कांग्रेस RCEP वार्ताओं और समझौते का पूरा विरोध करती है. हमारा देश एक गंभीर आर्थिक संकट और मंदी की ओर बढ़ रहा है. इसने भारतीय अर्थव्यवस्था के लगभग हर क्षेत्र को प्रभावित किया है. कृषि, रोजगार, उद्योग, व्यापार और भारतीय अर्थव्यवस्था के दूसरे सभी क्षेत्र दिन-ब-दिन संकट की ओर बढ़ रहे हैं. सरकार के लिए यह वक्त जिम्मेदार बनने का है. ’’
एके एंटनी, कांग्रेस

एंटनी ने कहा कि यह सरकार का कर्तव्य है कि वो अर्थव्यवस्था में जल्दी से नई जान फूंकने के लिए अपने सभी संसाधनों को झोंक दे. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की प्राथमिकताएं गलत हैं, वो आम आदमी की मुश्किलों को दूर करने और भारतीय अर्थव्यवस्था के अलग-अलग क्षेत्रों पर ध्यान नहीं दे रही है.

उन्होंने कहा कि जब लोग अपने रोजमर्रा के जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं, ऐसे में त्वरित समाधान करने, एक पैकेज तैयार करने और अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के बजाय सरकार RCEP समझौते पर चर्चा करने में वक्त बर्बाद कर रही है.

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने बताया कि RCEP समझौते के खतरों पर बैठक में चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि किसान संकट में हैं और यह (समझौता) उनकी और मछुआरों की जिंदगी बदतर कर सकता है.

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने देशभर में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन करने का फैसला किया है. हम प्रदेश कांग्रेस इकाइयों को व्यापक आंदोलन कार्यक्रम के लिए और RCEP के बारे में जागरूकता अभियान के लिए पहले ही निर्देश दे चुके हैं.’’इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर हम RCEP के खिलाफ एक साझा आंदोलन मंच बनाने के लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों, विपक्षी दलों का सहयोग मांगेंगे. कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस समितियों को 5 नवंबर से 15 नवंबर के बीच आर्थिक मंदी और बेरोजगारी के मुद्दे पर प्रदर्शन करने का निर्देश पहले ही दे चुकी है. ’’

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि RCEP के मौजूदा मसौदे से ‘‘राष्ट्रीय हित’’ को हटा दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘जब हमारी अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है, आयात को उदार बनाया जा रहा है, ऐसे वक्त में RCEP पर हस्ताक्षर आत्महत्या करने जैसा है.’’

उन्होंने इस बात से इनकार किया कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर पलटी मार ली है. दरअसल पलटी मारने वाली बात इसलिए उठ रही है क्योंकि साल 2012 में मनमोहन सिंह सरकार ने RCEP समझौता करने के लिए चर्चा में हिस्सा लेने का फैसला किया था.

इसके अलावा रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि RCEP का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ेगा, अगर इस पर आगे बढ़ा गया तो देश का व्यापार घाटा और बढ़ जाएगा. उन्होंने कहा कि इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद चीन भारत में बड़ी संख्या और मात्रा में अपने सस्ते माल सीधे भेजेगा और इससे हमारे स्थानीय उद्योगों को नुकसान होगा.

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Published: 26 Oct 2019,08:06 AM IST

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