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COP 26 : विकासशील देश जीवाश्म ईंधन उपयोग करने के हकदार- भारत

Bhupender Yadav ने जलवायु परिवर्तन का कारण "अस्थिर जीवन शैली और बेकार खपत पैटर्न बताया

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>जलवायु वार्ता</p></div>
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जलवायु वार्ता

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COP 26 समिट जलवायु वार्ता में भारत के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव(Bhupender Yadav) ने शनिवार को कहा कि विकासशील देश जीवाश्म ईंधन उपयोग करने के हकदार हैं.उनका ये बयान वार्ता में मसौदा समझौते के तहत सभी देशों के प्रदूषणकारी ऊर्जा से दूरी बनाने के क्रम में प्रोत्साहित करने के बाद आया.

भूपेंद्र यादव ने प्रतिनिधियों से कहा कि जलवायु परिवर्तन के लिए बहुत कम ऐतिहासिक जिम्मेदारी वाले देशों को "वैश्विक कार्बन बजट के अपने उचित हिस्से का अधिकार है और वे जीवाश्म ईंधन के जिम्मेदार उपयोग के हकदार हैं".

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन का कारण "अस्थिर जीवन शैली और बेकार खपत पैटर्न है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत पेरिस समझौते के तहत राष्ट्रीय उत्सर्जन-कटौती योजनाओं (NDCs) में तेजी लाने के लिए COP26 पहल के पक्ष में नहीं था.

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आपको बता दें कि, COP26 ग्लासगो जलवायु सम्मेलन में शामिल हो रहे देशों ने अपने समझौते का ड्राफ्ट पब्लिश कर दिया है, जिसमें 2022 के अंत तक देशों से अपने कार्बन उत्सर्जन में कमी के लक्ष्यों को मजबूत करने की अपील की गई है.

इस ड्राफ्ट में क्या है?

“COP cover decision” का पहला मसौदा देशों को "2030 के अंत तक पेरिस समझौते के तापमान लक्ष्य के अनुरूप करने के लिए आवश्यक राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान में 2030 लक्ष्यों को फिर से देखने और मजबूत करने के लिए कहता है."

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