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भारत में कोविड संक्रमण के बढ़ते केसों के बीच कोरोना की दूसरी लहर का पीक आ गया है. कैंब्रिज जज बिजनेस स्कूल और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इकनॉमिक्स एंड सोशल रिसर्च के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित न्यू ट्रैकर के आधार पर यह दावा किया गया. लेकिन रिसर्चर ने कहा कि कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आंकड़ों में अंतर होने की वजह से आने वाले 2 हफ्तों में कोरोना के केस और बढ़ सकते हैं.
इनमें असम, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और त्रिपुरा जैसे राज्य शामिल हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के कैंब्रिज जज बिजनेस स्कूल और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड सोशल रिसर्च के शोधकर्ताओं का यह प्रोजेक्शन देश में दर्ज किए गए कोविड केसों और इस बारे में एक्सपर्ट्स के आंकड़ों पर आधारित है. इसमें जिसमें प्रधानमंत्री मोदी के सलाहकारों के आंकड़े भी शामिल हैं.
भारत में कोरोना महामारी के कारण हेल्थकेयर सुविधाओं पर जरूरत से ज्यादा बोझ है और कई अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई की कमी है. ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं की कमी को लेकर सरकार की आलोचना हुई है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत में पाए गए कोरोना वायरस के वैरियंट की वजह से तेजी से संक्रमण बढ़ा और यह इस बात को दर्शाता है कि वायरस के इस वैरियंट ने विशेष एंटीबॉडी को प्रभावित किया.
भारत में नए संक्रमण की वजह से 20 से ज्यादा दिनों से रोजाना कोरोना के 3 लाख से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं. हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह संख्या कम है.
हाल ही में भारत में कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर WHO की ओर से किए गए मूल्यांकन में यह बात सामने आई कि, देश में कोविड संक्रमण वायरस के नए वैरियंट के कारण तेजी से फैला. इसके अलावा भारत में धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों के कारण भी कोरोना संक्रमण बढ़ा और इन आयोजनों में लोगों की सुरक्षा को लेकर सोशल डिस्टेंसिंह समेत अन्य पर्याप्त इंतजाम नहीं दिखे.
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