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भारत सरकार ने इस साल के अंत तक अपनी पूरी व्यस्क आबादी (करीब 94 करोड़) के कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) का टारगेट रखा है. लेकिन इसके पूरा होने की आशंका हर गुजरते महीने के साथ कम हो रही है. मौजूदा वैक्सीनेशन रफ्तार के हिसाब से देश 13.5 करोड़ का अपना जुलाई का टारगेट भी पूरा नहीं कर पाएगा. 25 जुलाई तक सिर्फ 9.94 करोड़ डोज ही दी गई हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, औसत रोजाना वैक्सीनेशन 38.26 लाख डोज हो रहा है. ऐसे में जुलाई के अंत तक टारगेट पूरा नहीं हो सकता है.
21 जून से सबके लिए फ्री वैक्सीनेशन का कैंपेन शुरू किया गया था. केंद्र सरकार ने वैक्सीन खरीद की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली थी और निजी अस्पतालों के अलावा बाकी सब जगह फ्री वैक्सीनेशन का ऐलान हुआ. निजी अस्पतालों के लिए भी वैक्सीन के सर्विस चार्ज तय कर दिए गए.
21 जून को रिकॉर्ड करीब 90 लाख वैक्सीन डोज दी गई थीं. लेकिन उसके अगले दिन ही वैक्सीनेशन का आंकड़ा गिर गया था. जून में ही जुलाई के लिए 13.5 करोड़ डोज का टारगेट तय किया गया था.
देश में अबतक 43 करोड़ कोविड वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं. हालांकि, दो डोज लेने वाले लोगों की संख्या कुल 9 करोड़ ही है.
भारत सरकार ने मई में कहा था कि जुलाई के अंत तक वो 51.6 करोड़ डोज उपलब्ध कराएगी. सरकार को भारत बायोटेक से जुलाई या अगस्त से 6-7 करोड़ Covaxin डोज मिलने की उम्मीद थी.
हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने पिछले हफ्ते संसद में बताया कि इस महीने भारत बायोटेक सिर्फ 2.5 करोड़ और अगस्त में 3.5 करोड़ डोज की सप्लाई देगी.
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