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भारत में 1 मई से COVID-19 टीकाकरण अभियान के तीसरे फेज की शुरुआत होगी, जिसके तहत 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लग सकेगी. हालांकि, कई राज्य ऐसे हैं, जिनका कहना है कि मैन्युफैक्चरर्स से वैक्सीन की खुराकें मिलने में देरी की वजह से वे 18-45 साल के उम्र के लोगों का टीकाकरण तय वक्त पर शुरू नहीं कर पाएंगे. बता दें कि COVID-19 टीकाकरण अभियान के मौजूदा फेज में 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लग रही है.
मैन्युफैक्चरर्स से सीधे खुराकों की सप्लाई में देरी की वजह से महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल और असम की सरकारें शायद 1 मई से 18-45 साल के लोगों का टीकाकरण न शुरू कर पाएं. इस बारे में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मंगलवार को बताया ''सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने राज्य सरकार को सूचित किया है कि वो कोविशिल्ड वैक्सीन की सप्लाई 20 मई के बाद ही कर सकता है.''
शर्मा ने पूछा, "अगर वैक्सीन नहीं हैं, तो हम 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कैसे टीका लगाएंगे?" शर्मा ने छत्तीसगढ़, पंजाब और झारखंड के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही थी.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस दौरान छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा है कि सुना है कि असम ने भी वैक्सीन का ऑर्डर देने की कोशिश की थी, लेकिन उसे बताया गया कि वैक्सीन एक महीने बाद मिलेंगी.
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा, "जब वैक्सीन ही नहीं हैं तो वैक्सीनेशन करने का कोई तरीका नहीं है. स्थिति बहुत साफ है. केंद्र कह रहा है कि सब लोगों के लिए वैक्सीनेशन को खोल दिया गया है लेकिन वैक्सीन उपलब्ध ही नहीं हैं. पूरे देश को गुमराह किया जा रहा है."
द हिंदू की 25 अप्रैल की एक रिपोर्ट में बताया गया कि केरल सरकार को भी वैक्सीन मैन्युफैक्चरर से यह जवाब मिला है कि केंद्र सरकार को सप्लाई के बाद ही उसे सप्लाई हो पाएगी. ऐसे में राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि सभी के लिए वैक्सीनेशन तभी शुरू होगा जब वैक्सीन स्टॉक में होंगी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि उन्हें संदेह है कि मई के पहले हफ्ते तक राज्य में 18-45 साल के लोगों का टीकाकरण शुरू हो पाएगा या नहीं.
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