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देशभर में फिलहाल कोरोना के नए वेरिएंट (New Variat) और तीसरी लहर को लेकर चर्चाएं तेज हैं. वैसे तो भारत में कोरोना के मामलों में कमी देखी जा रही है. लेकिन इस बीच खबर यह है कि देश में कोरोना का एक नया वेरिएंट मिला है. ब्रिटेन से आया नया वेरिएंट AY.4.2 कई देशों में पाया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को कहा था
अब ये वेरिएंट क्या है, कितनी तेजी से फैल सकता है और भारत के लिए ये कितनी चिंता की बात है. यह समझ लेते हैं.
AY.4.2 कोरोना का नया वेरिएंट क्या है?
एक लाइन में कहे तो यह डेल्टा वेरिएंट का ही एक फॉर्म है. डेल्टा वेरिएंट के एक सब-लीनिएज का प्रस्तावित नाम AY.4.2 है, जिसमें दो जेनेटिक म्यूटेशन वाई 145H और A222V पाए गए हैं, जो कि स्पाइक प्रोटीन को प्रभावित करते हैं.
यह ह्यूमन बॉडी की कोशिकाओं (सेल्स) के अंदर तक जा सकता है.
कितनी तेजी से फैलता है AY.4.2 वेरिएंट?
कैम्ब्रिज में एक इंस्टीट्यूट में कोरोना जीनोमिक्स इनिशिएटिव के निदेशक डॉ जेफरी बैरेट और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर फ्रेंकोइस बलौक्स ने सुझाव दिया है कि AY.4.2 10-15 प्रतिशत अधिक संक्रमणीय हो सकता है.
यह वेरिएंट ब्रिटेन में काफी तेजी से फैला. इसकी वजह से वहां कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है. पिछले 28 दिनों में 63 फीसदी नए मामलों में ये वेरिएंट पाया गया है.
प्रोफेसर फ्रेंकोइस बलौक्स ने बीबीसी को बताया कि "हमने अल्फा और डेल्टा के साथ जो देखा, उसकी तुलना में यह कुछ भी नहीं है, जो कि 50 से 60 प्रतिशत से भी ज्यादा संक्रमणीय थे. फिलहाल इसकी जांच चल रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसे ब्रिटेन में बढ़ रहे कोरोना के मामलों का जिम्मेदार इस वेरिएंट को नहीं ठहराया जा सकता है.
AY.4.2 और कहां मिला है?
बिजनेस इनसाइडर के मुताबिक, अमेरिका और इजराइल में इस नए वेरिएंट पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के मुताबिक, अमेरिका में AY.4.2 अभी भी "बहुत दुर्लभ" है.
बिजनेस इनसाइडर ने सीडीसी के हवाले से कहा, "यह अभी 0.05 प्रतिशत से भी कम है, हमारे डेटाबेस में अब तक 10 से कम रिपोर्ट किए गए हैं."
ब्रिटेन में AY.4.2 के 96 प्रतिशत मामले हैं.
इस नए वेरिएंट से कैसे बचा जा सकता है?
वायरस हर समय म्यूटेट होता रहता है और कोरोना के नए रूपों को देखना आश्चर्यजनक नहीं है. किसी भी कोरोना वेरिएंट से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है वक्सीनेशन, मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना.
भारत के लिए क्या ये वेरिएंट चिंता का विषय है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना के दूसरे वेरिएंट की तरह फिलहाल इसे "वेरिएंट ऑफ कंसरन" की सूची में नहीं डाला है.
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भारतीय कोरोना के जीनोमिक्स कंसोर्टियम के विशेषज्ञों ने कहा कि उन्होंने AY.4.2 के कारण कोरोना मामलों में कोई वृद्धि नहीं देखी है.
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