advertisement
भारत में जहां कोरोना वायरस के कुल केसों की संख्या 30 लाख के करीब पहुंच गई है, वहीं इसी बीच एक राहत की खबर ये आई है कि भारत में रिकवरी रेट भी बढ़ रहा है. रोजाना 50 से 60 हजार की रफ्तार से बढ़ रहे केसों के बीच, शुक्रवार को सबसे ज्यादा लोग ठीक हुए. टेस्टिंग के मामले में भी भारत ने कमर कस ली है. दुनियाभर में कुल एक्टिव केसों में से 10.56% भारत में हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों का आंकड़ा 22 लाख पार कर चुका है.
भारत में अभी रिकवरी रेट 74% है. पिछले 21 दिनों में ठीक हो चुके केसों में 100 फीसदी वृद्धि रिकॉर्ड की गई है.
भारत में 36 में से 33 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में रिकवरी रेट 50% से ज्यादा है. इनमें से कुछ राज्य ऐसे हैं, जिनका रेट भारत के औसत रेट से भी ज्यादा है. इसमें सबसे बेहतर दिल्ली है, जहां रिकवरी रेट 90% है. सीएम अरविंद केजरीवाल की घर पर ही इलाज की स्कीम असर करती दिखाई दे रही है. हरियाणा (84%), तमिलनाडु (83.50%), गुजरात (79.40%) और तेलंगाना (77.40%) भी देश के औसत रेट (74.30%) से ज्यादा है.
देश में टेस्टिंग के नंबर भी बढ़ाए गए हैं. रोजाना लाखों की संख्या में सैंपल टेस्ट किए जा रहे हैं. 21 अगस्त को, भारत में 10.23 लाख सैंपल का टेस्ट किया गया. देश में इस वक्त कुल 1504 लैब कोरोना वायरस की टेस्टिंग कर रही हैं. इसमें से 978 लैब सरकारी हैं और 526 प्राइवेट लैब्स हैं. अब तक 3 करोड़ से ज्यादा सैंपल का टेस्ट किया जा चुका है.
भारत का केस फैटेलिटी रेट (CFR) भी ग्लोबल औसत से कम है. कुल केसों का डबलिंग टाइम, यानी कि वो पीरियड जिसमें केसों की संख्या डबल होती है, भारत में 28.9 दिनों का है. वहीं, एक्टिव केसों के लिए ये 84.4 दिन, और मौत की संख्या के लिए 38.3 दिन है.
नए आंकड़ों के मुताबिक डेथ रेट अब देश में घटकर 1.89 % हो गया है.
कुल केसों के मामलों में भारत दुनियाभर में कोरोना वायरस से तीसरा सबसे प्रभावित देश है. करीब 30 लाख केसों के साथ भारत केवल अमेरिका और ब्राजील से पीछे है. वहीं, इससे होने वाली मौत के आंकड़ों की बात करें तो भारत चौथा सबसे प्रभावित देश है. अमेरिका, ब्राजील और मेक्सिको के बाद भारत इस लिस्ट में चौथे नंबर पर है. अब तक 55 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख ट्रेडोस एडहानम गेब्रेयेसेस ने उम्मीद जताई है कि कोरोना वायरस दो साल में खत्म हो सकता है.
कुछ समय पहले, माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स ने भी उम्मीद जताई थी कि 2021 के आखिर तक वायरस खत्म हो सकता है. द इकनॉमिस्ट को दिए इंटरव्यू में गेट्स ने कहा था कि अगले साल के आखिर तक कोरोना वायरस का असर कम हो जाएगा, क्योंकि तब तक कोई प्रभावित वैक्सीन बन चुकी होगी और ज्यादातर लोग इसके प्रति इम्यून हो गए होंगे.
दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी से अब तक 8 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 2 करोड़ से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)