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देश में नोवेल कोरोना वायरस के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है जहां COVID-19 के 148454 एक्टिव केस हैं. महाराष्ट्र का मुंबई शहर, जिसे देश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है, वो अभी भी कोरोना वायरस का बड़ा हॉटस्पॉट बना हुआ है.
हालांकि, मुंबई के कुछ हालिया आंकड़े देखें तो ये स्थिति में सुधार की एक उम्मीद जगा रहे हैं. ये आंकड़े एक्टिव केस, रिकवरी रेट, डबलिंग रेट, टेस्ट संख्या और इंफेक्शन ग्रोथ रेट से जुड़े हैं.
ऊपर दिए गए आंकड़े बता रहे हैं कि कोरोना वायरस के मामलों की संख्या दोगुनी होने की गति में कमी आई है और ये कमी 1-2-5 दिनों की नहीं, बल्कि 30 दिनों की है.
डबलिंग रेट का फॉर्मूला अक्सर वित्तीय क्षेत्र में इस्तेमाल होता है, जब देखा जाता है कि निवेश किए हुए पैसे कितने दिनों में दोगुने हो रहे हैं. महामारी के हिसाब से बात करें तो मुंबई का डबलिंग रेट 72 दिन होने का मतलब है कि यहां मामलों की संख्या दोगुनी होने में 72 दिन लगेंगे.
रिकवरी रेट के मामले में भी मुंबई ने काफी सुधार किया है. मुंबई में संक्रमितों के ठीक होने का रेट 1 जुलाई से 28 जुलाई के बीच करीब 21 पर्सेंटेज प्वाइंट सुधरा है.
इंफेक्शन ग्रोथ रेट भी जुलाई महीने के अंत तक 1 फीसदी के नीचे पहुंच गया है. 28 जुलाई को मुंबई का इंफेक्शन ग्रोथ रेट .97 था, जबकि 1 जुलाई को यह 1.68% था. इंफेक्शन ग्रोथ रेट कम होने का मतलब है कि इंफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे में फैलने का खतरा कम हुआ है.
किसी समय में COVID-19 के एक्टिव केस का मतलब है कि उस वक्त कितने लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. मुंबई में 1 जुलाई से लेकर 28 जुलाई तक COVID-19 के एक्टिव केस की संख्या में काफी कमी आई है.
दुनियाभर के एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ना है तो ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करनी होगी. ऐसे में देश के अलग-अलग राज्यों में टेस्टिंग बढ़ाने को लेकर कोशिशें चल रही हैं.
मुंबई की बात करें तो यहां कोरोना टेस्टिंग की संख्या में इजाफा देखने को मिला है. 1 जुलाई तक औसतन मुंबई में 5000 से 5500 के बीच टेस्ट हो रहे थे, जबकि 28 जुलाई तक यह संख्या करीब 11000 तक पहुंच गई.
मुंबई में हालात धीरे-धीरे सुधार रहे हैं, इस बात का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि यहां काफी गतिविधियां पटरी पर लौट रही हैं. राज्य सरकार ने 5 अगस्त से मॉल खोलने की भी इजाजत दे दी है. अनलॉक के अगले फेज में टैक्सी में भी 1+3 के हिसाब से यात्रियों के बैठने पर रोक नहीं रहेगी.
COVID-19 की स्थिति पर इन सब गुड न्यूज के बीच एक बात, जिससे अब भी चिंता बनी हुई है, वो है मुंबई का मृत्यु दर. मुंबई में मृत्यु दर 5.67% के करीब है जो देश के मृत्यु दर से ज्यादा है .
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