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झारखंड में जो पहली महिला कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गईं, उनका दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से संबंध था. इस मामले के सामने आने के बाद झारखंड सरकार अब उन तमाम लोगों का पता लगा रही है जो निजामुद्दीन मरकज में शिरकत कर लौटे. इसी सिलसिले में झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन के बेटे मोहम्मद तनवीर को भी देवघर के एक अस्पताल में क्वॉरन्टीन किया गया है. इसके साथ ही मंत्री के पूरे परिवार को भी होम क्वॉरन्टीन किया गया है. हालांकि मंत्री हाजी हुसैन का कहना है कि उनका बेटा मरकज में गया ही नहीं.
कोरोना मरीज़ की पुष्टि के बाद राज्य भर में कोरोना संदिग्धों की छानबीन आरम्भ हुई. इस छानबीन के बाद "विशेष शाखा झारखण्ड" ने 30 मार्च को प्रदेश के सभी उपायुक्त, वरीय पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिख कर एक सूची भेजी. सूची में 25 लोगों के नाम और मोबाइल नंबर हैं, जिनके बारे में कहा गया कि इन लोगों ने निज़ामुद्दीन में हुए तबलीगी जमात में हिस्सा लिया है, लिहाजा इनकी जांच की जाए.
क्विंट ने जब इस बारे में हाजी हुसैन से बात की उन्होंने दावा किया कि उनका बेटा 1993 के बाद से दिल्ली ही नहीं गया.
क्विंट ने इस बारे में देवघर की उपायुक्त नैंसी सहाय से भी बात की. उन्होंने कहा कि- ''हेडक्वॉर्टर से जो लिस्ट आई थी, उसमें तनवीर का नाम था, इसलिए उन्हें क्वॉरन्टीन किया गया है. हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
लेकिन यहां एक सवाल है. जब इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि तनवीर मरकज में गए थे या नहीं, तो हेडक्वॉर्टर की चिट्ठी में ये क्यों लिखा है-ये उन लोगों के नाम हैं जो मरकज में गए थे? फिलहाल मंत्री के बेटे के सैंपल को जांच के लिए जमशेदपुर के MGM अस्पताल भेजा गया है.
उपायुक्त ने ये भी बताया कि देवघर में कुल मिलाकर 40-50 लोगों में कोरोना के लक्षण दिखाए दिए हैं, जिन्हें क्वॉरन्टीन किया गया है. हालांकि क्वॉरन्टीन लोगों की कुल संख्या 300 के करीब है.
निजामुद्दिन मरकज में शामिल होकर लौटी मलेशियाई महिला के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रशासन एक्शन में है. राज्य की तमाम मस्जिदों में ठहरे जमात के लोगों की जांच की जा रही है. कहा जा रहा है कि कुल 46 लोग राज्य से मरकज में गए थे. इनमें से 13 की तलाश अब भी जारी है. बता दें कि 25 लोगों की लिस्ट तब जारी हुई थी, जब महिला के बारे में नहीं पता था. मंत्री हाजी हुसैन ने प्रशासन से गुजारिश की है कि जमात के लोगों की जांच हो लेकिन उन्हें बेवजह निशाना न बनाया जाए.
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