advertisement
भारत में कोरोनावायरस के मामलों में बढ़ोतरी लगातार जारी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोनावायरस के 775 एक्टिव मामले हैं, जबकि अब तक कुल 873 कन्फर्म केस सामने आए हैं.
देश में अब तक कोरोनावायरस से 19 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 78 लोग ठीक/डिस्चार्ज हो चुके हैं. कुल कन्फर्म केस में एक माइग्रेटेड मरीज भी शामिल है.
कोरोनावायरस के इलाज की दवा विकसित करने के लिए भारत, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ दुनिया के तमाम देशों की साझेदारी वाली परीक्षण प्रक्रिया में अपनी भागीदारी कर सकता है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की महामारी और संक्रामक रोग इकाई के प्रमुख डॉक्टर रमन आर गंगाखेडकर ने शुक्रवार, 27 मार्च को यह जानकारी देते हुये बताया कि परीक्षण से नई दवाओं की खोज हो सकेगी.
उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि हम जल्द ही डब्ल्यूएचओ की परीक्षण प्रक्रिया में भागीदारी करेंगे.'' उन्होंने कहा कि पहले भारत ने इसमें भागीदारी नहीं की थी. डॉक्टर गंगाखेडकर ने कहा कि आईसीएमआर की भी प्राथमिकता कोरोना के संक्रमण की दवा को खोजना है. कोरोनावायरस का टीका विकसित करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस दिशा में जैव प्रौद्योगिकी विभाग कार्यरत है. इसके साथ ही वैज्ञानिकों के लगभग 30 समूह भी टीका विकसित करने की दिशा में प्रयासरत हैं.
उन्होंने कहा कि देश में जरूरी उपकरणों की कमी को दूर करना के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को अगले एक दो महीने के भीतर 30 हजार अतिरिक्त वेंटिलेटर की खरीद सुनिश्चित करने को कहा गया है.
दिल्ली सहित बाकी महानगरों से प्रवासी मजदूरों के अपने गृह राज्यों के लिए पैदल ही पलायन करने के बारे में गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि इस स्थिति को रोकने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन और आश्रय के पुख्ता इंतजाम करने को कहा गया है, जिससे वे जहां हैं, वहीं सुरक्षित रह सकें.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)