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भ्रष्टाचार के मामले में भारत की छवि चीन और भूटान से भी खराब है. हालांकि पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत कुछ दूसरे पड़ोसी देशों की तुलना में भारत में बेहतर ट्रांसपेरेंसी है.
करप्शन पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल के ग्लोबल करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2017 में भारत 81वें पायदान पर है और इसका स्कोर 40 है. जबकि चीन इससे चार रैंक ऊपर यानी 77वें पायदान और उसका स्कोर 41 है. यानी भारत की तुलना में वहां भ्रष्टाचार कम है. भूटान में चीन से भी कम भ्रष्टाचार है. वो इस इंडेक्स में 26 वें स्थान पर है और उसका स्कोर भारत और चीन से काफी ज्यादा 67 है.
रिपोर्ट की माने तो भ्रष्टाचार को लेकर भारत के सरकारी क्षेत्र की छवि दुनिया की निगाह में अब भी खराब है. वैसे 2015 की तुलना में हालत में सुधार के संकेत हैं. पिछले साल की रिपोर्ट में भारत 79वें पायदान पर था. भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकारों को एक मजबूत संदेश देने के मकसद से 1995 में शुरू किए गए इस इंडेक्स में 180 देशों की स्थिति का आकलन किया गया है.
इस बार की लिस्ट में भारत को 40 अंक दिए गए हैं, जो पिछले साल के ही बराबर ही है पर 2015 के बाद स्थिति में सुधार हुआ जबकि भारत को 38 अंक दिया गए थे.
ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल ने कहा है,
रिपोर्ट में कमेटी टू प्रोटेक्स जर्नलिस्ट्स का हवाला देते हुए कहा गया है कि इन देशों में 6 साल में 15 ऐसे पत्रकारों की हत्या हो चुकी है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ काम कर रहे थे. इस मामले में रिपोर्ट में भारत की तुलना फिलीपींस और मालदीव जैसे देशों के साथ की गयी है और कहा गया है कि इस मामले में ये देश अपने क्षेत्र में बहुत ही खराब हैं.
भ्रष्टाचार के मामले में इन देशों के अंक ऊंचे हैं और इनमें प्रेस की आजादी अपेक्षाकृत कम और यहां पत्रकारों की हत्याएं भी ज्यादा हुई हैं. इस सूची में न्यूजीलैंड और डेनमार्क 89 और 88 अंक के साथ सबसे ऊपर हैं. दूसरी तरफ सीरिया, सूडान और सोमालिया 14, 12 और 9 अंक के सबसे नीचे हैं. इस सूची में चीन 77वें और ब्राजील 96वें और रूस 135वें स्थान पर हैं.
(-इनपुट भाषा से)
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