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कोरोना वायरस (Covid-19) महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत टीके की 150 करोड़ डोज लगाने के बाद अब इस लड़ाई को और मजबूत करने जा रहा है. 10 जनवरी से देश भर में कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज (Covid-19 Booster Dose) लगाने की शुरुआत की जाएगी, जिसे सरकार 'प्रीकॉशन डोज' कह रही है.
इससे पहले 3 जनवरी से सरकार ने 15 से 18 साल के बच्चों के लिए भी टीकाकरण की शुरुआत की थी. अब बूस्टर डोज की शुरुआत होने जा रही है, लोकिन इस डोज को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं. आइए देखते हैं उन सवालों को...
किन लोगों को दी जाएगी कोराना वैक्सीन की बूस्टर डोज?
कोरोना की बूस्टर डोज अभी केवल फ्रंटलाइन वर्कर्स और को-मॉबिडिटी वाले सीनियर सिटिजन्स को दी जाएगी. यदि आप इस कैटेगरी में नहीं आते तो अभी आपको बूस्टर डोज के लिए इंतजार करना होगा.
क्या बूस्टर डोज के लिए अलग से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा?
Co-Win पर नए रज्सिट्रेशन की कोई आवश्यकता नहीं है. आप अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से लॉग-इन करके सीधे अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं. इस अलावा, वॉक-इन की भी सुविधा है.
दुसरी डोज और बूस्टर डोज में कितने टाइम का गैप होना चाहिए?
दूसरी और तीसरी खुराक के बीच 9 महीने का अंतर होना चाहिए. इसलिए, यदि आपने अप्रैल 2021 के पहले सप्ताह तक अपनी दूसरी खुराक लगवा ली थी, तभी आप इस डो के लिए पात्र हैं. अन्यथा, आपको अपनी दूसरी डोज के बाद 39 सप्ताह होने तक इंतजार करना होगा.
क्या को-मॉबिडिटी वाले बुजुर्गों को डॉक्टर का सर्टिफिकेट दिखाना होगा?
खुराक लेते समय डॉक्टर के सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन एहतियाती खुराक लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श की सलाह दी गई है.
क्या बूस्टर डोज के लिए अलग वैक्सीन लगाई जाएगी ?
अगर आपको कोविशील्ड मिला है तो आपकी तीसरी खुराक भी कोविशील्ड होगी. कोवैक्सिन के लिए भी वही नियम है. सरकार ने टीकों के मिक्स करने की अनुमति नहीं दी है.
क्या बूस्टर डोज भी फ्री होगी, या देने होंगे पैसे ?
बूस्टर डोज भी आपके मेन डोज की तरह सरकारी अस्पतालों में फ्री होगा, नीजि अस्पतालों में आपको पैसे देनें होंगे.
कई देश अपने लोगों को बूस्टर खुराक दे रहे हैं. भारत में इसे बूस्टर डोज नहीं बल्कि प्रीकॉशन डोज नाम दिया गया है. भारत में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिसका एक मुख्य कारण ओमिक्रॉन वेकिएंट को माना जा रहा है. टीका लगाए गए लोग भी संक्रमित हो रहे हैं. वैज्ञानिकों ने पाया है कि पिछले संक्रमण से या टीकाकरण से प्रतिरक्षा भी लोगों में कम हो रही है.
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