advertisement
केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए साफ किया है कि 'बाहरी मरीजों' इलाज अब राज्य सरकार के अस्पतालों में नहीं होगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली कैबिनेट ने फैसला लिया है कि राज्य सरकार के अस्पताल अब दिल्ली के लोगों के लिए होंगे. अब इस फैसले पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. देश के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने पूछा है कि आखिर दिल्लीवाले हैं कौन? क्या इसकी कोई परिभाषा तय है.
चिदंबरम ने केजरीवाल सरकार के इस फैसले के कानूनी पहलू पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या केजरीवाल ने क्या ऐलान से पहले कोई कानूनी राय ली थी.
बता दें कि इस फैसले का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली के 90 फीसदी लोगों ने कहा कि जब तक कोरोना मामले हैं तब तक दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों का इलाज हो. इसके लिए पांच डॉक्टर की एक कमेटी बनाई गई थी उन्होंने अपनी रिपोर्ट दी है.
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने इस मामले में केन्द्र सरकार को दखल देने की मांग उठाई है. मायावती ने सोमवार को ट्वीट करते हुए लिखा,
इससे पहले मायावती ने एक अन्य ट्वीट कर कहा, "अनलॉक-1 के तहत आज से जो भी स्थल व बाजार आदि खोले जा रहे हैं, वहां जाने के लिए लोगों को सरकारी नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए. यदि बहुत जरूरी है तब ही वहां जाना चाहिए, वरना जाने से बचना चाहिये. बीएसपी की उनके हित में यही सलाह है."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)