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लॉकडाउन बढ़ने के ऐलान के साथ ही उन लोगों की भी परेशानी बढ़ गई है जो रोज कुआं खोदकर अपने लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करते है. 3 मई तक लॉकडाउन के ऐलान के बाद अब देशभर से प्रवासी मजदूरों के सड़कों पर उतरने की खबरें सामने आ रही हैं. अब एक बार फिर गुजरात के सूरत से ऐसी खबर सामने आई है. यहां सैकड़ों मजदूरों ने इकट्ठा होकर खाने को लेकर हो रही परेशानियों को सामने रखा.
गुजरात के सूरत में लगातार दूसरे दिन मजदूर इकट्ठा हुए. इससे पहले भी वहां सैकड़ो मजदूर सड़कों पर जमा हुए थे, जिनकी मांग थी कि उन्हें उनके घरों तक पहुंचाया जाए, या फिर खाने-पीने की व्यवस्था की जाए. इस दौरान काफी बवाल भी देखने को मिला.
जिसके बाद बुधवार को एक बार फिर वही तस्वीर देखने को मिली. जमा हुए लोगों का कहना था कि उन्हें ठीक से पेट भरने को खाना नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते मजबूरी में उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ रहा है.
गुजरात के सूरत के अलावा दिल्ली में भी मजदूरों की यही दशा देखने को मिली. यहां यमुना घाट पर पिछले कुछ दिनों से सैकड़ों मजदूर एक साथ रह रहे थे. मामला सामने आने के बाद प्रशासन के हाथ पैर फूले और तुरंत वहां बसों को भेजा गया. सभी मजदूरों को दिल्ली के सरकारी स्कूलों और शेल्टर होम में भेजा गया. खुद सीएम अरविंद केजरीवाल को ट्वीट करना पड़ा. केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा,
“यमुना घाट पर मजदूर इकट्ठा हुए. उनके लिए रहने और खाने की व्यवस्था कर दी है. उन्हें तुरंत शिफ्ट करने के आदेश दे दिए हैं. रहने और खाने की कोई कमी नहीं है. किसी को कोई भूखा या बेघर मिले तो हमें जरूर बताएं.”
मंगलवार 14 अप्रैल को मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर अचानक हजारों प्रवासी मजदूर जमा हो गए. जिसके बाद आनन-फानन में पहुंची पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए लोगों को वहां से खदेड़ा. कुछ मजदूरों का कहना था कि वो घर जाने के लिए उचित साधनों की मांग करने यहां पहुंचे थे. वहीं इसे लेकर साजिश के आरोप भी लग रहे हैं. बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने अफवाह फैलाई थी कि बाहरी राज्यों के लिए ट्रेन या बस चलाई जाएगी. अब इस मामले में एक पत्रकार समेत कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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